आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के सामने स्थित प्राचीन स्वामी हैदर दास मंदिर को तोड़ने के लिए जारी नोटिस का तीव्र विरोध किया है. AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने प्रेस वार्ता में कहा, “दलित विरोधी भाजपा सरकार ने मंदिर को गैरकानूनी घोषित कर दिया है और 7 दिन में खुद ही तोड़ने का नोटिस दिया है.” उन्होंने बताया कि यह मंदिर 1930 में बने इरविन अस्पताल से भी पुराना है और इसमें दलित समाज के कई महापुरुषों की समाधियां हैं.
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
सौरभ भारद्वाज ने बताया, “मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के सामने स्थित इस मंदिर में धर्मशाला भी है, जो लोगों की सेवा करता है.” यह मंदिर लगभग एक हजार वर्ग गज में फैला है और आजादी से पहले का है. यहां मरीजों के परिजन ठहरते हैं, जो अस्पताल में जगह न मिलने पर इस धर्मशाला का सहारा लेते हैं. उन्होंने कहा कि 1936 में इरविन अस्पताल (वर्तमान में लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल) शुरू होने से पहले यह मंदिर स्थापित था और इसके इतिहास को नजरअंदाज करना शर्मनाक है.
मंदिर को तोड़ने नहीं देंगे
AAP विधायक विशेष रवि ने कहा, “दलित समाज जागरूक और एकजुट हो चुका है, रविदास मंदिर की तरह स्वामी हैदर दास मंदिर को तोड़ने नहीं देंगे.” उन्होंने याद दिलाया कि 2019 में तुगलकाबाद में 600 साल पुराने रविदास मंदिर को तोड़ा गया, जिसके पुनर्निर्माण का वादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, लेकिन वह पूरा नहीं हुआ. विशेष रवि ने चेतावनी दी कि दलित समाज अब और अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगा.
भाजपा की मंशा पर सवाल
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार मंदिर को अतिक्रमण बताकर दलित समाज को अपमानित कर रही है. उन्होंने कहा, “दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद गरीब और भगवान दोनों को निशाना बनाया जा रहा है.” AAP ने दलित समाज के साथ मिलकर इस कदम का विरोध करने का संकल्प लिया है.