Bihar Election: अगर आप बिहार के मतदाता हैं और चाहते हैं कि आगामी चुनावों में आपका वोट सुरक्षित रहे, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. बिहार में 25 जून से 26 जुलाई के बीच एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के तहत सभी मतदाताओं के लिए एक नया पूर्व-मुद्रित 'गणना फॉर्म' भरना अनिवार्य कर दिया है.
इस बार चुनाव से पहले एक नई प्रक्रिया अपनाई जा रही है. जिन लोगों का नाम 2003 की मतदाता लिस्ट में नहीं है, उन्हें यह फॉर्म भरना और साथ में आवश्यक दस्तावेज जमा करना होगा. इसके तहत हर मतदाता को अपनी नई फोटो, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर जैसे डिटेल्स दर्ज करने होंगे. हालांकि, आधार नंबर देना वैकल्पिक रखा गया है.
2003 में हुए पिछले रिव्यू में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर रजिस्टर के जरिए जानकारी इकट्ठा करते थे. पुराने सिस्टम में एक ही लाइन में नाम होता था और नीचे खाली जगह में नए नाम जोड़े जाते थे. लेकिन अब जो 'गणना फॉर्म' है, उसमें पहले से नाम, पता, ईपीआईसी नंबर, निर्वाचन क्षेत्र जैसी जानकारियां प्रिंट होकर आएंगी, जिसे वेरिफाई करना होगा.
जिनका नाम 2003 की सूची में नहीं है, उन्हें पहचान और निवास के लिए दस्तावेज देने होंगे. इनमें शामिल हैं:
सरकारी पहचान पत्र (जैसे वोटर ID, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस)
शैक्षणिक प्रमाण पत्र
भूमि आवंटन संबंधित दस्तावेज
परिवार रजिस्टर या अन्य सरकारी प्रमाणपत्र
इस गणना प्रक्रिया में बूथ लेवल ऑफिसर हर घर में कम से कम तीन बार जाएंगे फॉर्म देने, भरवाने और जमा करने के लिए. जो लोग फॉर्म ऑनलाइन जमा करेंगे, उनके दस्तावेजों का वेरिफाई BLO द्वारा घर जाकर ही किया जाएगा. अगर कोई मतदाता 25 जुलाई तक फॉर्म जमा नहीं करता है, तो उसका नाम 1 अगस्त को आने वाली मसौदा मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा. हालांकि, किसी का नाम अंतिम रूप से हटाने से पहले जांच और जवाब देने का अवसर जरूर दिया जाएगा.
1 अगस्त: मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित
30 सितंबर: अंतिम मतदाता सूची जारी
यह प्रक्रिया पहली बार बिहार में शुरू की गई है, लेकिन इसे आने वाले समय में पूरे देश में लागू किया जा सकता है. इसलिए सभी मतदाताओं को समय पर फॉर्म भरना और आवश्यक दस्तावेज देना बेहद जरूरी है.