बिहार में नौ साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लागू की गई शराबबंदी नीति की समीक्षा हो सकती है, अगर महागठबंधन सत्ता में आता है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने आज इस मुद्दे पर बड़ा संकेत दिया और साथ ही एनडीए सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर तीखा हमला बोला.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि शराबबंदी के सवाल पर जनता और सरकारी अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी, जिसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा, “यदि किसी मुद्दे पर कोई सवाल उठता है, तो उस पर चर्चा होनी चाहिए.” यह बयान बिहार में शराबबंदी की नीति को लेकर एक नई बहस को जन्म दे सकता है, जिसे नीतीश कुमार ने 2016 में लागू किया था.
NDA सरकार पर भ्रष्टाचार और अपराध का आरोप
तेजस्वी ने एनडीए सरकार पर भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “सरकार का एक इंजन भ्रष्टाचार में लगा है, दूसरा अपराध में. अपराधी ही सरकार चला रहे हैं.” नीतीश कुमार के दो उपमुख्यमंत्रियों, विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “अपराधी अब विजय और सम्राट बन गए हैं.” उन्होंने कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर भी सवाल उठाए. तेजस्वी ने कहा, “एंबुलेंस में सामूहिक बलात्कार हो रहे हैं, दिन-दहाड़े गोलीबारी हो रही है, एक हफ्ते में 100 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी हैं. कोई कार्रवाई नहीं हो रही.”
71,000 करोड़ के घोटाले का दावा
तेजस्वी ने सरकार पर 71,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया और कहा कि सरकार के पास इस राशि के खर्च का कोई हिसाब नहीं है. उन्होंने कहा, “यह सरकार भ्रष्टाचारियों और अपराधियों की सरकार है.
”शराबबंदी का इतिहास
नीतीश कुमार द्वारा लागू शराबबंदी को बिहार में महिलाओं का व्यापक समर्थन मिला था. इस नीति को लागू करने के बाद से उनकी पार्टी को महिला मतदाताओं का मजबूत समर्थन प्राप्त हुआ. अब तक इस नीति को वापस लेने की कोई मांग सामने नहीं आई थी, लेकिन तेजस्वी के बयान ने इस मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है.