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India Daily

'हमने क्या गलती की?', रुद्रप्रयाग में हुए बस हादसे ने बच्चे से छीना मां-बाप का साया, आसमान को देख मासूम ने भागवान से पूछा सवाल

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में हुए एक दर्दनाक बस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हादसे का सबसे मार्मिक दृश्य वो वीडियो है जिसमें 10 साल का मासूम पार्थ सोनी सड़क किनारे बैठा भगवान बद्रीनाथ से रो-रोकर पूछ रहा है 'हे बद्रीविशाल, हमने क्या गलती की?

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Edited By: Princy Sharma
Rudraprayag Bus Accident
Courtesy: Pinterest

Rudraprayag Bus Accident: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में हुए एक दर्दनाक बस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हादसे का सबसे मार्मिक दृश्य वो वीडियो है जिसमें 10 साल का मासूम पार्थ सोनी सड़क किनारे बैठा भगवान बद्रीनाथ से रो-रोकर पूछ रहा है 'हे बद्रीविशाल, हमने क्या गलती की? हम तो तुम्हारे भक्त थे!' उसकी फटी आंखों से बहते आंसू और कांपते हाथ आसमान की ओर उठे हुए थे, मानो जवाब मांग रहे हों.

पार्थ, मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के रहने वाले हैं और इस भयावह दुर्घटना में अपने माता-पिता विशाल सोनी (42) और गौरी सोनी (41) दोनों को खो चुका है. यह त्रासदी गुरुवार को रुद्रप्रयाग के घोलटीर इलाके के पास हुई, जहां चार लोगों की मौत हो गई और आठ अब भी लापता हैं. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.के. राजवार के मुताबिक, अलकनंदा नदी के तेज बहाव के कारण बचे हुए लोगों के जीवित मिलने की संभावना बेहद कम है.

SDRF की टीम ने शुक्रवार को चौथा शव बरामद किया, जिसकी पहचान उदयपुर निवासी संजय सोनी (55) के रूप में हुई है. शव को आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिवार को सौंपा जाएगा. घटना के समय पार्थ अपनी मां के पास ही बैठा था. उसके चाचा निलेश सोनी ने बताया कि पार्थ तब से सदमे में है. वो कुछ बोल नहीं पा रहा, बस एकटक नदी की ओर देखता रहता है. पार्थ के साथ उसकी दो बहनें तेजस्विनी (17) और मानस्विनी (15) इस यात्रा में नहीं गई थीं और राजगढ़ में ही थीं.

ये सभी यात्री राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से आए एक ही परिवार के सदस्य थे, जो चारधाम यात्रा पर निकले थे. लेकिन यह यात्रा एक भयानक मोड़ पर जिंदगी की सबसे काली याद बन गई. 31-सीटर बस की भिड़ंत एक तेज रफ्तार ट्रक से एक तीखे मोड़ पर हो गई थी, जिससे बस अलकनंदा नदी में गिर गई.

वहीं, पार्थ के माता-पिता के शव शुक्रवार को परिजनों को सौंप दिए गए, जो शनिवार तक उनके घर पहुंचेंगे. अंतिम संस्कार उसी दिन किया जाएगा. इस हादसे ने एक मासूम बच्चे की दुनिया उजाड़ दी अब वह केवल अपनी बहनों के साथ अनाथ रह गया है.