ENG vs IND: हेडिंग्ले में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पांच विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा. शुभमन गिल की कप्तानी में यह भारत का पहला टेस्ट था, लेकिन न रोहित शर्मा न विराट कोहली की गैरमौजूदगी में युवा भारतीय टीम उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी.
पहली पारी में 471 रन बनाने और 371 रनों का लक्ष्य देने के बावजूद भारत हार गया. बल्लेबाजी में पतन, फील्डिंग में गलतियां और गेंदबाजी में नाकामी ने भारत की हार की कहानी लिख दी. आइए, इस शर्मनाक हार के पांच बड़े कारणों पर नजर डालते हैं.
भारत की बल्लेबाजी ने दोनों पारियों में शानदार शुरुआत की लेकिन अंत में पूरी तरह बिखर गई. पहली पारी में यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत और शुभमन गिल की शतकीय पारियों की बदौलत भारत 430/3 पर था, लेकिन इसके बाद अंतिम सात विकेट सिर्फ 41 रनों में सिमट गए. दूसरी पारी में भी यही कहानी दोहराई. पंत और केएल राहुल ने 333/5 तक स्कोर पहुंचाया लेकिन फिर 77 रन जोड़कर पूरी टीम 364 पर ढेर हो गई.
भारत की फील्डिंग इस टेस्ट में बेहद खराब रही. यशस्वी जायसवाल ने चार कैच छोड़े, जिसमें बेन डकेट का 97 रन पर गिराया गया कैच सबसे महंगा साबित हुआ. डकेट ने 149 रन बनाकर इंग्लैंड को जीत की राह दिखाई. सिर्फ जायसवाल ही नहीं, स्लिप फील्डरों ने भी मौके गंवाए.
भारत की गेंदबाजी इकाई ने इस मैच में निराश किया. पहली पारी में जसप्रीत बुमराह ने पांच विकेट लिए लेकिन दूसरी पारी में वह विकेट नहीं ले सके. मोहम्मद सिराज भी प्रभावहीन रहे. शार्दुल ठाकुर को उनकी बल्लेबाजी के लिए चुना गया लेकिन उनकी गेंदबाजी में वह धार नहीं दिखी. प्रसिद्ध कृष्णा ने दो विकेट लिए, लेकिन वह भी लय में नहीं दिखे.
जसप्रीत बुमराह भारत की गेंदबाजी के सबसे बड़े हथियार हैं. पहली पारी में उनके 5/83 ने भारत को मजबूत स्थिति में ला दिया लेकिन दूसरी पारी में जब बेन डकेट और जैक क्रॉले ने उनकी गेंदों का आसानी से सामना किया, तो भारतीय गेंदबाजी बिखर गई. बुमराह जब विकेट नहीं ले पाए, तो बाकी गेंदबाज इंग्लैंड के बल्लेबाजों को रोकने में असफल रहे.
इंग्लैंड ने इस मैच में भारत को हर विभाग में मात दी. उनकी बल्लेबाजी में बेन डकेट और जैक क्रॉले ने 188 रनों की साझेदारी कर शानदार शुरुआत दी. इसके बाद इंग्लैंड ने मुकाबले में आसानी से 5 विकेट से जीत हासिल कर ली.