Money Management: क्या आप भी उन लोगों में से हैं जिनके खाते में सैलरी आते ही खर्चों की झड़ी लग जाती है? महीने की शुरुआत में जेब भारी लगती है लेकिन हफ्ता भर भी नहीं बीतता और आप फिर से बजट बनाने लगते हैं. अगर हर बार ऐसा हो रहा है कि खर्चे थमने का नाम ही नहीं लेते, और बचत की जगह उधारी बढ़ती जा रही है, तो अब वक्त है रुककर सोचने का आखिर ऐसा हो क्यों रहा है? चलिए जानते हैं उन वजहों को जो आपके पैसों को चुपचाप खा रही हैं.
हर महीने की कमाई का एक हिस्सा अनजाने में फिजूल चीज़ों पर खर्च हो जाता है. कभी बाहर खाना, कभी ऑनलाइन शॉपिंग और कभी नॉन-ज़रूरी सब्सक्रिप्शन ये सब मिलकर आपकी सैलरी को धीरे-धीरे खत्म कर देते हैं. अगर बजट बनाकर चलेंगे तो आपको खुद समझ आएगा कि कौन सा खर्च ज़रूरी है और कौन सा सिर्फ आदत का हिस्सा है.
आजकल सोशल मीडिया की वजह से दिखावे की आदत ज़ोर पकड़ रही है. नए कपड़े, ट्रेंडी गैजेट्स, महंगी कैफे आउटिंग, सब बस दूसरों को दिखाने के लिए. लेकिन ये सब खर्च आपकी जेब को खाली कर रहे हैं. असल में ज़रूरत से ज़्यादा लाइफस्टाइल बनाए रखना आपकी बचत के लिए सबसे बड़ा दुश्मन है.
क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग तो आसान हो जाती है, लेकिन पेमेंट करते वक्त एहसास नहीं होता कि कितना खर्च कर रहे हैं. जब बिल आता है, तब होश उड़ जाता है. ज़्यादा क्रेडिट कार्ड यूज़ करना एक तरह से उधारी पर ज़िंदगी जीने जैसा होता है और यही पैसों की बर्बादी की बड़ी वजह बनता है.
कभी-कभी हम दुखी होते हैं तो खुद को महंगे गिफ्ट देकर चुप कराते हैं, तो कभी खुशी में ज़रूरत से ज़्यादा खर्च कर बैठते हैं. इस तरह का इमोशनल खर्च पैसा उड़ाने का आसान तरीका है, जो धीरे-धीरे आपकी आर्थिक सेहत को खराब कर देता है.
कमाई के साथ-साथ बचत की आदत बहुत जरूरी है. लेकिन अगर आप शुरुआत से ही सेविंग को नजरअंदाज करते आ रहे हैं, तो आप अपने लिए फाइनेंशियल सेफ्टी नेट तैयार नहीं कर पा रहे. सबसे पहले हर महीने की शुरुआत में ही कुछ हिस्सा बचत के लिए अलग कर देना चाहिए, फिर खर्च की प्लानिंग करें.