Trump Iran Attack: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने टॉप सलाहकारों से कहा है कि वह ईरान पर हमले की योजना से सहमत हैं. हालांकि, उन्होंने अभी तक आखिरी फैसला नहीं दिया है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर आखिरी फैसला देने से पहले कुछ और वक्त देखना चाहते हैं.
माना जा रहा है कि संभावित अमेरिकी हमले का एक प्रमुख लक्ष्य ईरान का फोर्डो सेंटर हो सकता है, जो जमीन के नीचे काफी गहराई में स्थित है. ऐसे में इसे नष्ट करना काफी मुश्किल होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि केवल सबसे शक्तिशाली बम ही इसे नुकसान पहुंचा सकते हैं.
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या उन्होंने हमले का फैसला कर लिया है, तो उन्होंने जवाब दिया, “मैं कर भी सकता हूं और नहीं भी. अगला हफ्ता काफी बड़ा होने वाला है, शायद एक हफ्ते से भी कम”. ट्रंप ने दोहराया कि ईरान को बिना शर्त अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को पूरी तरह से खत्म करना होगा.
#WATCH वाशिंगटन, डीसी | ईरान की स्थिति पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, "... मेरे पास हर चीज के लिए एक योजना है, लेकिन हम देखेंगे कि क्या होता है। उन्हें सौदा करना चाहिए था। मेरे पास उनके लिए एक बढ़िया सौदा था। हमने 60 दिनों तक इस बारे में बात की और अंत में, उन्होंने… pic.twitter.com/3Df2PWP9zL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 18, 2025
ट्रंप ने कहा कि इजराइल ने हमले शुरू करने से पहले ही ईरान कुछ ही हफ्तों में परमाणु हथियार हासिल कर सकता था. ऐसे में अब वह केवल पूरी और निर्णायक जीत चाहता है. ट्रंप ने दोहराया, “हम सीजफायर के बारे में नहीं सोच रहे हैं. हम पूरी और निर्णायक जीत चाहते हैं… बिना न्यूक्लियर वेपन के.
मध्य-पूर्व में अमेरिका ने हाल ही में अपनी सैन्य उपस्थिति को और मजबूत किया है. तीसरा नेवी डेस्ट्रॉयर पूर्वी भूमध्यसागर में तैनात हो गया है और एक अन्य एयरक्राफ्ट कैरियर ग्रुप अरब सागर की तरफ बढ़ रहा है. पेंटागन का कहना है कि यह कदम डिफेंसिव है, लेकिन इससे अमेरिका को इजराइल के साथ मिलकर कार्रवाई करने की ताकत भी मिलती है.
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने स्पष्ट कहा है कि उनका देश कभी हार नहीं मानेगा. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने सैन्य कार्रवाई की तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.