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सिले हुए मुंह, टूटे हुए दांत: जबलपुर में नाग पंचमी पर 50 से अधिक सांपों को बचाया गया

बचाए गए सांपों में 51 कोबरा और 6 धामन (रैट स्नेक) शामिल थे. वन विभाग के अधिकारियों और पशु चिकित्सकों ने जांच में पाया कि कई सांपों के मुंह को फेविक्विक जैसे मजबूत गोंद से सील कर दिया गया था ताकि वे काट न सकें.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
More than 50 snakes were rescued on Nag Panchami in Jabalpur

नाग पंचमी के उत्सव के बीच जबलपुर में वन विभाग ने एक मानवीय कार्रवाई करते हुए 57 से अधिक सांपों को सपेरों से मुक्त कराया. इस घटना ने पशु क्रूरता के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है.

सांपों पर अत्याचार की चौंकाने वाली सच्चाई

बचाए गए सांपों में 51 कोबरा और 6 धामन (रैट स्नेक) शामिल थे. वन विभाग के अधिकारियों और पशु चिकित्सकों ने जांच में पाया कि कई सांपों के मुंह को फेविक्विक जैसे मजबूत गोंद से सील कर दिया गया था ताकि वे काट न सकें. कुछ सांपों के मुंह सिल दिए गए थे, जबकि अन्य के दांत तोड़ दिए गए थे. वन अधिकारियों ने बताया, "यह क्रूरता अस्वीकार्य है. सांपों को इस तरह नुकसान पहुंचाना न केवल अमानवीय है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का भी उल्लंघन है."

कानूनी कार्रवाई और सांपों का इलाज

वन विभाग ने 21 सपेरों को हिरासत में लिया है और उनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है. इस अधिनियम के अनुसार, जंगली जानवरों को पकड़ना, नुकसान पहुंचाना या प्रदर्शन के लिए उपयोग करना गैरकानूनी है. बचाए गए सभी सांपों का पशु चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जाएगा. स्वस्थ होने के बाद इन्हें जंगल में सुरक्षित छोड़ा जाएगा.

जनता से अपील

वन विभाग ने जनता से आग्रह किया है कि वे ऐसे क्रूर प्रथाओं को प्रोत्साहन न दें. "पर्व मनाने का मतलब मासूम जानवरों को नुकसान पहुंचाना नहीं है. हमें वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देना चाहिए और ऐसी गतिविधियों की सूचना तुरंत अधिकारियों को देनी चाहिए," विभाग ने कहा.