कश्मीर घाटी में आतंकवाद को लेकर एक बार फिर से पाकिस्तान की भूमिका उजागर हुई है. अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वे न केवल सुरक्षा एजेंसियों की सजगता को दर्शाते हैं, बल्कि पाकिस्तान की ओर से लगातार की जा रही घुसपैठ की रणनीति को भी स्पष्ट करते हैं. इस हमले में शामिल तीनों आतंकवादी पिछले तीन वर्षों से भारत में छिपे हुए थे और बेहद शातिर तरीके से ऑपरेट कर रहे थे.
सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले में शामिल तीनों आतंकी सुलेमान उर्फ फैज़ल जट्ट, हमजा अफगानी और ज़िबरान पाकिस्तान से करीब तीन साल पहले भारत में घुसे थे. इनमें से सुलेमान ने पिछले साल एक और पाकिस्तानी आतंकी मूसा से अलग होकर अपनी टीम बनाई थी. ये सभी आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे और कश्मीर घाटी में सक्रिय थे. ऑपरेशन महादेव में तीनों को ढाकीगाम के जंगलों में घेरकर मार गिराया गया.
अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवादियों के पास अल्ट्रा हाई फ्रीक्वेंसी (UHF) वाले वायरलेस सेट थे जिनकी रेंज 20–25 किलोमीटर तक थी. इन उपकरणों से वे अपने पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स से लगातार संपर्क में रहते थे. 22 मई को पहली बार इन सेट्स से निकली सिग्नल की दिशा पकड़ी गई. इसके बाद सेना और खुफिया एजेंसियों ने तकनीकी और मानवीय सूचनाओं के आधार पर इलाके को घेरना शुरू किया और अंततः आतंकियों की लोकेशन का सटीक पता लगाकर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.
सुलेमान पहले भी अक्टूबर 2024 में गांदरबल जिले के गंगनगिर इलाके में एक निर्माण कंपनी पर हुए हमले में शामिल रहा था, जिसमें 7 मजदूर मारे गए थे. पहलगाम हमले में इन आतंकियों ने पर्यटकों के बीच घुलमिल कर उन्हें हथियारबंद साथियों की ओर धकेला, जहां गोलियों से उनकी हत्या कर दी गई. इस बर्बर हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे. गृह मंत्रालय ने पुष्टि की है कि घटनास्थल से मिले कारतूस, हथियारों और फॉरेंसिक रिपोर्ट से तीनों आतंकियों की संलिप्तता प्रमाणित हुई है.
जांच के दौरान पता चला कि ये आतंकी ढाकीगाम के जंगलों में एक ढोक (झोपड़ी) में छिपे थे, जहां दो स्थानीय लोगों परवेज़ अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर ने उन्हें शरण दी थी. इन दोनों को एनआईए ने जून में गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि आतंकियों के पास से पाकिस्तान के वोटर आईडी कार्ड और चॉकलेट्स बरामद हुए हैं, जिससे पाकिस्तान कनेक्शन की पुष्टि हुई है. पहले जारी किए गए स्केच शुरुआती जांच और पुराने फोटो पर आधारित थे.