Israel-Iran Conflict: मिडिल ईस्ट एक बार फिर युद्ध के कगार पर खड़ा है, क्योंकि इजराइल ने ईरान के प्रमुख सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं. इस हमले ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है, जिससे वैश्विक समुदाय की निगाहें इस क्षेत्र पर टिक गई हैं. इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने अपने ऑपरेशन के "पहले चरण" के पूरा होने की पुष्टि की है, जिसमें दर्जनों इजराइली वायुसेना के जेट विमानों ने ईरान के कई महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया है.
हमलों का एक प्रमुख लक्ष्य ईरान की नतान्ज़ परमाणु सुविधा थी, जहां शुक्रवार को विस्फोटों की सूचना मिली. इन विस्फोटों ने पहले से हुए नुकसान को और बढ़ा दिया, जिससे पूरी साइट धुएं के गुबार में डूब गई. ईरानी राज्य मीडिया ने बताया कि तेहरान के आवासीय क्षेत्रों में हुए हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित कई नागरिकों की जान गई है. इस हमले में कम से कम 78 लोगों की जान चली गई है वहीं 329 लोगों के घायल होने की खबर है. इसके अलावा, ईरान के सेना प्रमुख और वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों सहित कई उच्च-प्रोफाइल व्यक्तियों के हताहत होने की खबरें भी सामने आई हैं.
❗️At least 78 killed, 329 injured in Israeli attacks on residential areas of Tehran — Fars News pic.twitter.com/z4VJW7IoxL
— RT (@RT_com) June 13, 2025
ईरान की प्रतिक्रिया: युद्ध की घोषणा के समान
ईरान ने इजराइल के इस हमले को "युद्ध की घोषणा के समान" करार दिया है. जवाब में, तेहरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग की है, जिसमें इजराइली हमलों और वरिष्ठ अधिकारियों की हत्या की निंदा की जाए. ईरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल कार्रवाई की अपील की है. देशभर में आपातकाल घोषित कर दिया गया है. केरमानशाह, लोरेस्तान तथा तेहरान के कई हिस्सों में विस्फोटों की खबरें मिली है. ईरानी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और आपातकालीन सेवाएं युद्धस्तर पर काम कर रही हैं.
भारत की सलाह, अमेरिका की दूरी
इस बढ़ते तनाव के बीच भारत ने ईरान में रह रहे अपने नागरिकों के लिए एक यात्रा सलाह जारी की है. इसमें भारतीयों से सावधानी बरतने, अनावश्यक यात्रा से बचने और दूतावास से लगातार अपडेट लेने का आग्रह किया गया है. दूसरी ओर, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि "इजरायली हमलों में अमेरिका की कोई संलिप्तता नहीं है," जिससे वाशिंगटन ने खुद को इस सैन्य कार्रवाई से अलग रखने की कोशिश की है.
वैश्विक चिंता और भविष्य की अनिश्चितता
इजराइल और ईरान के बीच यह ताजा संघर्ष मध्य पूर्व में स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है. वैश्विक शक्तियां इस स्थिति पर करीबी नजर रख रही हैं, क्योंकि किसी भी गलत कदम से क्षेत्रीय युद्ध भड़क सकता है.अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस संकट को हल करने के लिए तत्काल कूटनीतिक हस्तक्षेप की मांग की जा रही है.