वोट चोरी और बिहार की मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया पर उठे विवाद के बीच चुनाव आयोग और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं. विपक्षी गठबंधन INDIA ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को निशाने पर लिया है. विपक्ष द्वारा उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और वामपंथी दलों ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जबकि चुनाव आयोग ने विपक्ष पर झूठ और भ्रम फैलाने का पलटवार किया.
दिल्ली के संविधान क्लब में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि चुनाव आयोग अब ऐसे अधिकारियों के हाथों में है जो खुलकर पक्षपात कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की ओर से लगाए गए किसी भी आरोप की जांच नहीं की जा रही है. तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने आयोग पर अपने कर्तव्य में लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि पश्चिम बंगाल में डुप्लीकेट वोटर कार्ड का मुद्दा उठाया गया था, लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हुआ है. उन्होंने यहां तक मांग की कि पिछले चुनाव आयुक्तों की भूमिका की जांच हो और लोकसभा को तुरंत भंग किया जाए.
रविवार को आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष चुनाव आयोग को बदनाम कर मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग देश के हर मतदाता- चाहे गरीब हो या अमीर, महिला हो या पुरुष, युवा हो या बुजुर्ग सभी के अधिकारों की रक्षा के लिए चट्टान की तरह खड़ा है और किसी भी भेदभाव के बिना काम कर रहा है.
गौरतलब है कि बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष ने गंभीर सवाल उठाए हैं. विपक्ष का आरोप है कि यह पूरी प्रक्रिया जल्दबाजी में और साजिश के तहत चलाई जा रही है. DMK सांसद तिरुचि शिवा ने संसद में चर्चा न होने पर सवाल उठाए और कहा कि सत्तापक्ष इस मुद्दे पर बहस से भाग रहा है. वहीं सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि ज्ञानेश कुमार ने मुख्य चुनाव आयुक्त बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है और आयोग सरकार की 'बी टीम' बन गया है.
लगातार आरोप और प्रत्यारोप के बीच विपक्षी INDIA गठबंधन अब महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि जब तक आयोग पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं दिखाता, तब तक लोकतंत्र पर सवाल उठते रहेंगे. वहीं दूसरी तरफ आयोग ने दोहराया कि बिहार में SIR को सफल बनाने और चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं.