Hemil Mangukiya killed in russia: रूस में भारतीय मूल के युवक हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया की मिसाइल हमले मौत के बाद उसके चाचा अतुल मंगुकिया का बड़ा बयान सामने आया है. अतुल मंगुकिया ने कहा कि परिवार को दो दिनों तक हवाई हमले में हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया के मौत की जानकारी नहीं थी. 23 फरवरी को मेरे भाई को अश्विनभाई हेमिल के दोस्त का फोन आया, जो उसके साथ काम करता है. परिवार को लोगों के इस खबर पर यकीन नहीं रहा. हमने फिर अन्य माध्यम से जानकारी इकट्ठा की तो पता चला यह जानकारी सच है."
बिना शव के ही सोमवार को उसके परिवार वाले सूरत में उसका अंतिम संस्कार करेंगे और और उसकी याद में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है. मंगुकिया परिवार सूरत के पाटीदार इलाके वराछा के आनंदनगर वाडी में रहता है. हेमिल के पिता अश्विन मंगुकिया सूरत में ही कढ़ाई का काम करते हैं, जो अपने बेटे की मौत के बाद केंद्र सरकार से शव को भारत लाने की मांग कर रहे है.
चाच अतुल ने कहा कि हेमिल भी हमेशा विदेश जाने की इच्छा रखता था. वह 14 दिसंबर को चेन्नई के रास्ते भारत से रूस के लिए रवाना हुआ था. वह नियमित रूप से अपने परिवार को फोन करते था. हेमिल की अपने परिवार को आखिरी कॉल दो घंटे से अधिक समय तक चली. उसने कहा कि वह वहां अच्छा कर रहा है. हेमिल की पहली सैलरी 2.3 लाख रुपये कुछ दिन पहले उनके बैंक खाते में आई थी. यह विश्वास करना कठिन है कि फोन कॉल के कुछ ही घंटों बाद उसकी हत्या कर दी गई.
परिवार का आरोप है कि वह हेल्पर के तौर पर रूस में काम कर रहा था. उसे धोखे से सेना में शामिल कर लिया गया और उसे फायरिंग की ट्रेनिंग दी जा रही थी. उसको यूक्रेन की सीमा पर युद्ध क्षेत्र में भेजा गया था तभी इस दौरान यूक्रेन ने मिसाइल हमला कर दिया जिसमें उसकी मौत हो गई. वहीं एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हेमिल सामान्य वीजा पर रूस गया था. हमने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि वह रूस कैसे पहुंचा और वहां काम करना शुरू कर दिया.