ब्रिटेन की संसद में इतिहास रचते हुए पहली बार हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. इस खास अवसर पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री की मौजूदगी ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया. यह आयोजन बुधवार को संसद भवन में हुआ, जहां कई सांसद, अधिकारी और विभिन्न देशों के हिंदू समुदाय के लोग मौजूद रहे.
धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों यूरोप दौरे पर हैं और इसी क्रम में वह ब्रिटिश संसद पहुंचे. यहां सांसदों के एक विशेष समूह की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित किया गया था. इस दौरान उन्होंने सनातन धर्म से जुड़े मुद्दों पर सांसदों से संवाद किया और धर्म की universal मान्यताओं को सामने रखा.
बागेश्वर धाम के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से साझा किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि संसद भवन के भीतर श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत वातावरण बना हुआ था. संसद में मौजूद सभी लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ बड़े श्रद्धाभाव से किया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए बागेश्वर धाम ने लिखा, "लंदन की संसद के इतिहास में पहली बार, सरकार द्वारा श्री हनुमान चालीसा का पाठ, संसद में आए सभी अतिथियों ने मनोभाव से पाठ किया."
लंदन के संसद के इतिहास में पहली बार… श्री हनुमान चालीसा पाठ पूज्य सरकार द्वारा..संसद में आए सभी अतिथियों ने मनोभाव से किया पाठ… #bageshwardhamsarkar #london #hanumanchalisa #parliament #bageshwardhamlondon #bageshwardham #acharyadhirendrakrishnashastri pic.twitter.com/yI8Ov4ga1D
— Bageshwar Dham Sarkar (Official) (@bageshwardham) July 16, 2025
इस आयोजन को लेकर वहां मौजूद लोगों ने इसे ऐतिहासिक और गर्व का क्षण बताया. ब्रिटिश सांसदों ने भी धीरेंद्र शास्त्री के सामाजिक और धार्मिक योगदान की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानित किया. संसद में गूंजती हनुमान चालीसा की पंक्तियों ने यह संदेश दिया कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म अब वैश्विक मंचों पर अपनी पहचान बना रहे हैं. यह आयोजन न सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत की सांस्कृतिक जड़ें अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मान पा रही हैं.