menu-icon
India Daily
share--v1

मणिपुर मुद्दे पर SC बेहद सख्त, DGP को भेजा समन, पूछा- कब दर्ज हुई FIR?

Supreme Court On Manipur Violence: मणिपुर के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि कि मणिपुर के हालात राज्य की पुलिस के नियंत्रण के बाहर हैं.

auth-image
Avinash Kumar Singh
मणिपुर मुद्दे पर SC बेहद सख्त, DGP को भेजा समन, पूछा- कब दर्ज हुई FIR?

नई दिल्ली: मणिपुर के मुद्दे पर सदन में विपक्ष का हंगामा लगातार जारी है. विपक्षी सांसद सदन की कार्यवाही के दौरान मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा की मांग पर अड़े हुए है. विपक्ष मणिपुर मामले पर पीएम मोदी के बयान की मांग कर रहा है तो वहीं सरकार की तरफ से सदन में चर्चा के लिए विपक्ष से हिस्सा लेने की अपील की जा रही है.

इसी बीच मणिपुर के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने स्थानीय पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े किए है. इस दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि कि मणिपुर के हालात राज्य की पुलिस के नियंत्रण के बाहर हैं.मई से जुलाई तक कानून-व्यवस्था ठप हो गई थी. इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को समन भेजते हुए जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बात बिल्कुल साफ है कि FIR दर्ज करने में काफी देरी हुई है.यह घटना 4 मई को हुई थी और एफआईआर 7 जुलाई को दर्ज की गई थी. इस केस की अब अगली सुनवाई  7 अगस्त को होगी.

यह भी पढ़ें: "मणिपुर हिंसा पर विपक्ष बहा रहा घड़ियाली आंसू", वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर कसा तंज

मणिपुर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने देखा स्टेटस रिपोर्ट

मणिपुर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने इस मामले पर स्टेटस रिपोर्ट तैयार की है. ये एक संवेदनशील मामला है. अब तक महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा से संबंधित 11 एफआईआर सीबीआई के पास जा चुकी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उस रिपोर्ट को रिकॉर्ड किया है जो मणिपुर सरकार की ओर से दायर की गई है. जिसमें कहा गया है कि 25 जुलाई, 2023 तक 6496 एफआईआर दर्ज की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने नोट किया कि आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार 150 मौतें हुईं, 502 घायल हुए, 5,101 मामले आगजनी की और 6,523 एफआईआर दर्ज की गईं. 252 लोगों को एफआईआर में गिरफ्तार किया गया और 1,247 लोगों को निवारक उपायों के तहत गिरफ्तार किया गया. स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 एफआईआर के सिलसिले में 7 गिरफ्तारियां की गई हैं.

सीजेआई ने और क्या कहा?

सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम हाई कोर्ट के पूर्व जजों की एक कमिटी बना सकते हैं जो हालात की समीक्षा करें. राहत और पुनर्वास पर सुझाव दें. ये सुनिश्चित करें कि गवाहों के बयान सही तरीके से हो सकें. ये भी देखना होगा कि जांच क्या करें.सभी केस सीबीआई को नहीं सौंपे जा सकते.एक व्यवस्था बनानी होगी ताकि सभी मामलों की जांच हो सके.आप लोग इस पर सुझाव दीजिए. 

यह भी पढ़ें: "विपक्ष मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार लेकिन पीएम को देना होगा संसद में जवाब", कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने दिया बड़ा बयान