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हजारों करोड़ का घोटाला है नया टेलीकॉम बिल, मोदी सरकार पर जमकर बरसीं प्रियंका गांधी

New Telecom Bill: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भारतीय जनता पार्टी पर नए टेलीकॉम बिल को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने इस बिल के पास होने की टाइमिंग से लेकर केंद्र की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं.

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New Telecom Bill: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने हाल ही में संसद में पारित नए टेलीकॉम बिल (New Telecom) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल उठाया हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम के एलॉटमेंट में हजारों करोड़ रुपयों का घोटाला हुआ है.

प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर की है. इसमें लिखा है कि नए टेलीकॉम बिल पर भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार के लिए कई सवाल पूछे, जो तब पारित हुआ जब 143 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया गया था.

प्रियंका गांधी ने बिल की टाइमिंग पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सांसद निलंबित थे तो नया टेलीकॉम बिल क्यों पारित किया गया? क्या इसमें कोई संबंध है?

बिल पास करके SC के निर्देशों का उल्लंघन किया

उन्होंने पूछा कि नए टेलीकॉम बिल से सैटेलाइट इंटरनेट स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए बोली प्रक्रिया को क्यों हटा दिया गया? आवंटन में बोली लगाने के नियम को हटाने से अन्य कंपनियां भाग नहीं ले पा रही थीं. इससे राष्ट्रीय खजाने को कितना नुकसान हुआ?

अपने एक्स पोस्ट में प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने टेलीकॉम बिल पास करके 2021 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाए गए नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है.

इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर भी BJP पर साधा निशाना

नए टेलीकॉम बिल के साथ-साथ प्रियंका गांधी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर भी भाजपा को घेरा, उन्होंने कहा कि भाजपा का 'चंदा दो और कारोबार लो' के बड़े रैकेट का खुलासा हो गया है.  

उन्होंने नए टेलीकॉम बिलके पीछे की घटनाओं के 'कालक्रम' को समझाते हुए कहा कि चुनावी बांड से भाजपा को 150 करोड़ रुपये का दान मिला, उसी समय पर 143 विपक्षी सांसदों को बर्खास्त किया गया और नए टेलीकॉम बिल पारित किया गया. 

प्रियंका गांधी ने कहा, कुछ तो गड़बड़ है

प्रियंका गांधी वाड्रा ने ये भी आरोप लगाया है कि मोदी सरकार चुनावी बांड के फैसले के बाद न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने लिखा कि चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसला, जिसे जनता एक्सटॉर्शन रैकेट कह रही है, प्रधानमंत्री पर घोटालों की खुलती परतें और जिस तरह से न्यायिक व्यवस्था पर पत्र लिखवा कर दबाव बनाया जा रहा है, इन सब के पीछे कुछ तो गड़बड़ है.