Megha Engineering: लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इलेक्ट्रोरल बॉन्ड को लेकर जानकारी सामने आई थी. देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों को करोड़ों रुपये चंदा दिया था. इनमें एक मेघा इंजीनियरिंग भी थी. अब सामने आया है कि राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने वाली मेघा इंजीनियरिंग काम के मामले में फिसड्डी है. मामला इलेक्ट्रिक बसों की सप्लाई से जुड़ा है. आरटीआई की ओर से मांगी गई जानकारी में सामने आया है कि डेडलाइन के गुजर जाने के बाद भी मेघा इंजीनियरिंग ने बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (BEST) को 10 फीसदी से कम इलेक्ट्रिक बसों की डिलीवरी की है.
बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन उपक्रम (BEST) की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है. दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस की ओर से आरटीआई के जरिए ये जानकारी मांगी गई थी. सामने आया है कि BMC ने इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए BEST को 493 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे. इसमें से BEST ने एवेट्रांस प्राइवेट लिमिटेड को 205.8 करोड़ रुपये दे दिये.
बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग को अब तक केवल 185 इलेक्ट्रिक बसें प्राप्त हुई हैं, जबकि कुल 2,100 बसों की डिलीवरी की जानी थी. इसके लिए मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) की सहायक कंपनी ईवेट्रांस प्राइवेट लिमिटेड को अगस्त 2023 का डेडलाइन दिया गया था.
देरी के बारे में पूछे जाने पर BEST के जनरल मैनेजर अनिल डिग्गीकर ने कहा कि कंपनी की ओर से स्पेयर पार्ट्स से संबंधित कुछ मुद्दों का हवाला दिया है, जिससे बसों के निर्माण पर असर पड़ा है और इस कारण उनकी आपूर्ति में देरी हुई है. हमने उन्हें पिछले साल एक नोटिस भेजा था और उसके बाद आगे भी नोटिस भेजे हैं.
ईवेट्रांस के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्य समस्या बैटरी के निर्माण के लिए पार्ट्स प्राप्त करने की है. हमारी ईवी बसों में बैटरी चेसिस में रखी जाती है और निर्माण लागत का 60% हिस्सा इसके पीछे चला जाता है. भारत-चीन तनाव के कारण हम चीन से आवश्यक कच्चा माल नहीं ला पाए, जिससे प्रोडक्शन में देरी हुई. एवेट्रांस के प्रवक्ता ने ये भी कहा कि अब उत्पादन में तेज़ी आने लगी है. बेस्ट के अलावा, हम एमएसआरटीसी, नागपुर सिटी, हैदराबाद, सूरत, देहरादून और दूसरे शहरों को भी बसें सप्लाई कर रहे हैं. इसलिए, समय के साथ हमारे साथ मांग और आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतर पैदा हो गया है.
BEST के अधिकारियों ने कहा कि ऑपरेटर (एवे) ने हमारे पास बैंक गारंटी भी जमा कर दी है, जिसे किसी भी गंभीर उल्लंघन के मामले में जब्त किया जा सकता है. 15वें वित्त आयोग ने तीन साल में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के लिए BMC को 620 करोड़ रुपये मंजूर किए थे. इसमें से 493 करोड़ रुपये या लगभग 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए BEST को आवंटित किया गया.
RTI डेटा से पता चलता है कि 2022 में 20 बसें, 2023 में 72 बसें और इस साल 4 जुलाई तक 93 बसें ईवीट्रांस की ओर डिलीवर की गईं. बेस्ट अंडरटेकिंग के अधिकारियों ने बताया कि सितंबर 2023 से अब तक ईवेट्रांस को कम से कम तीन नोटिस भेजे जा चुके हैं, जिनमें से सबसे ताजा नोटिस इस साल अप्रैल में भेजा गया था. उन्होंने बताया कि एजेंसी को जल्द से जल्द बसें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
BEST के टेंडर क्लॉज के अनुसार, कॉन्ट्रैक्ट के स्वीकृति पत्र (एलओए) जारी होने के छह महीने के भीतर 25 प्रतिशत बसों की डिलीवरी की जानी थी. एलओए जारी होने के 12 महीने के भीतर 25 प्रतिशत की अगली किस्त और आपूर्तिकर्ता को एलओए जारी होने की तारीख से 18 महीने के भीतर शेष 50 प्रतिशत की डिलीवरी की जानी थी. इस क्लॉज में डिलीवरी में देरी होने पर जुर्माने का भी प्रावधान था.
टेंडर के अनुसार, बसों की आपूर्ति की तारीख तक देरी के लिए प्रति बस 2,000 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जा सकता है. अगर ईवेट्रांस अगस्त 2023 से पहले बसों/बस सेवाओं की आपूर्ति करने में विफल रहता है, तो बेस्ट के पास कॉन्ट्रैक्ट को समाप्त करने का भी अधिकार है.
2022 के वर्क ऑर्डर के हिस्से के रूप में, ईवेट्रांस को इन बसों को अपनी सहयोगी फर्म ओलेक्ट्रा (MEIL की एक अन्य सहायक कंपनी) से प्राप्त करने के बाद 156 महीने (13 वर्ष) तक इनका रखरखाव और संचालन करना था. एक अधिकारी ने कहा कि ईवेट्रांस को प्रत्येक बस को 46 रुपये प्रति किलोमीटर के शुल्क पर चलाना है, जो कि बोली लगाने के बाद हमें मिली सबसे सस्ती दर है. हम अभी कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करने के लिए बहुत उत्सुक नहीं हैं, क्योंकि अगर हम ऐसा करते हैं, तो हमें टेंडर को फिर से जारी करना होगा और इससे वेट-लीज के फीस में वृद्धि हो सकती है.
अधिकारी ने कहा कि देरी से डिलीवरी के लिए जुर्माना लगाने का प्रावधान है. हालांकि, ये तभी लगाया जा सकता है जब 2,100 बसों की पूरी खेप हमें मिल जाए. ईवीट्रांस को 205 करोड़ रुपये जारी किए जाने के बारे में BEST के अधिकारी ने कहा कि ये राशि भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार बसों की आपूर्ति के लिए ईवीट्रांस को टोकन के रूप में दी गई है, जबकि शेष राशि अभी बेस्ट के पास है. अधिकारी ने कहा कि उन्हें अब तक 185 बसें मिल चुकी हैं, अगले कुछ हफ्तों में 30 और बसें आने की उम्मीद है.
पामिरेड्डी पिची रेड्डी और पीवी कृष्णा रेड्डी की MEIL चुनावी बॉन्ड का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार था, जिसने अप्रैल 2019 और अक्टूबर 2023 के बीच कई विंडो में नियमित रूप से बॉन्ड खरीदे थे. 966 करोड़ रुपये की कुल चुनावी बॉन्ड खरीद में से अधिकतम 584 करोड़ रुपये भाजपा को मिले. MEIL की सहायक कंपनी ईवेट्रांस को मई 2022 में BEST की ओर से वर्क ऑर्डर जारी किया गया था. चुनाव आयोग की ओर से पब्लिक डोमेन में दी गई जानकारी से पता चला है कि MEIL ने कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान चुनावी बांड के माध्यम से भाजपा को 122 करोड़ रुपये का दान दिया था.