Lok Sabha Elections 2024 : लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व आम चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में उतरना शुरू कर दिया है. एक-एक सीट तीन चार से दर्जनों उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. चुनावी मैदान में उतरने वाले ऐसे ही एक नेता साहेबगंज के डॉक्टर मोहम्मद नबी हसन हैं.
हसन 40 साल की उम्र में पार्षद से लेकर लोकसभा तक का चुनाव लड़ चुके हैं. वह अब तक कुल 14 बार चुनाव लड़ चुके हैं. उनको इन चुनावों में सिर्फ 3 बार ही जीत मिली है. अन्य चुनावों में अपनी जमानत तक नहीं बचा सके.
इन सभी बातों में दिलचस्प बात यह है कि डॉक्टर नबी हसन अपनी मां के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और एक बार मां से शिकस्त भी खा चुके हैं. अबकी बार यह देखना दिलचस्प होगा कि डॉक्टर नबी हसन लोकसभा चुनाव लड़ते हैं या नहीं. हसन बताते हैं कि वह पहली बार 2006 में ग्राम पंचायत मिल्की काजीचक से पंच निर्वाचित हुए थे. इससे उत्साहित होकर 2008 में साहेबगंज नगर पंचायत से वार्ड पार्षद के लिए मैदान में उतरे लेकिन चुनाव जीत नहीं सके. इसके बावजूद भी उनका उत्साह कम नहीं हुआ. 2010 में होने वाले विस चुनाव में साहेबगंज से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे थे. इस चुनाव में हसन की जमानत जब्त हो गई थी.
2013 में साहेबगंज नगर पंचायत चुनाव में हसन अपनी मां के विरोध में वार्ड पार्षद का चुनाव लड़े लेकिन वह मां से बड़े अंतर से चुनाव हार गए. इसके बाद भी उनका हौसला कम नहीं हुआ और 2014 में उन्होंने वैशाली लोकसभा से भाग्य आजमाया लेकिन हार मिली. इसके बाद तो हर चुनाव में नबी सुर्खियों में रहने लगे. वह सभापति और उप सभापति का भी चुनाव लड़ चुके हैं.
हसन ने बताया कि वह 2015 में एमएलसी का चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन ऐन वक्त पर मां की तबीयत खराब हो गई, जिसके चलते मैदान में नहीं उतर पाए. इसके बाद 2018 में साहेबगंज नगर पंचायत का चुनाव जीतकर वार्ड पार्षद बने. तब उप सभापति के लिए मैदान में उतरे लेकिन हार कार सामना करना पड़ा. इसके बाद 2019 में वैशाली से लोकसभा से मैदान में आए पर 2014 की तरह फिर जमानत जब्त हो गई. वर्तमान में वह साहेबगंज नगर परिषद से पार्षद हैं.