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चुनावी नतीजों के बाद हिंसा का खौफ या कुछ और? बंगाल भाजपा के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने घर छोड़ा

Bengal BJP Workers Leave Homes: पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद बंगाल भाजपा के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने घर छोड़ दिया है. दावा है कि हिंसा के डर के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं ने ये फैसला लिया है.

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Edited By: India Daily Live
 Bengal BJP workers take shelter
Courtesy: Social Media

Bengal BJP Workers Leave Homes: पश्चिम बंगाल भाजपा के सैंकड़ों कार्यकर्ता इन दिनों पार्टी के प्रदेश कार्यालय में शरण लिए हुए हैं. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को एक चिट्ठी लिखी गई है. दावा किया गया है कि चुनाव के बाद हिंसा के डर के कारण भाजपा कार्यकर्ताओं ने ये कदम उठाया है. दावा किया गया कि 10,000 भाजपा कार्यकर्ताओं ने घर छोड़ दिया है. उधर, टीएमसी ने इन आरोपों को झूठा करार दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के बरुईपुर कस्बे में भाजपा कार्यालय की तीसरी मंजिल पर बिछे एक दर्जन बिस्तरों में से एक पर 38 साल के प्रशांत हलधर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव का मौसम माने आमदेर घोर छरार का मौसम (हमारे लिए चुनाव का मौसम मतलब घर से निकलने का मौसम).

जादवपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बारुईपुर के विद्याधर पल्ली क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता हलदर 1 जून को वोट डालने के एक दिन बाद अपनी पत्नी और बच्चों के साथ घर से निकल गए. पत्नी और बच्चों को एक रिश्तेदार के घर भेज दिया गया, जबकि हलदर और उनके जैसे लगभग 50 अन्य लोगों ने पार्टी कार्यालय में शरण ली.

ये पहला मौका नहीं है... जब कार्यकर्ताओं ने घर छोड़ा हो

चुनाव के बाद हिंसा के आरोपों के बीच, पश्चिम बंगाल में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता चुनाव के बाद अपने घर और गांव छोड़ चुके हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोगों के लिए यह पहली बार नहीं है. 2021 के विधानसभा चुनावों और 2023 के पंचायत चुनावों के बाद भी भाजपा कार्यकर्ताओं को अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस को निर्देश दिया कि चुनाव बाद हुई हिंसा के पीड़ितों की शिकायत दर्ज कराने के लिए एक नई ईमेल आईडी खोली जाए. इस बीच, इंडियन एक्सप्रेस ने बरुईपुर और कोलकाता में भाजपा कार्यालयों का दौरा किया. 

भाजपा कार्यालय में ऐसा था नजारा

बरुईपुर पार्टी कार्यालय में हलदर और अन्य लोग शुक्रवार को एक हॉल में इकट्ठा होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को टीवी पर देख रहे थे. हॉल में मोदी, अमित शाह और भाजपा के जादवपुर उम्मीदवार अनिरबन गांगुली के बड़े-बड़े कटआउट लगे हुए थे. जादवपुर सीट पर टीएमसी की सायोनी घोष ने अनिरबन गांगुली को 2,58,201 वोटों से हराया. 

मज़दूरी करने वाले हलदर ने कहा कि मुझे 2021 में विधानसभा चुनावों के बाद और फिर पिछले साल पंचायत चुनावों के बाद घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. मैं इस साल अप्रैल में घर वापस लौटा था, लेकिन अब एक बार फिर मैं बेघर हूं.

घर छोड़े जाने की वजहों पर क्या बोले भाजपा कार्यकर्ता?

घर छोड़ने की वजह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले मुझे और मेरे गांव के अन्य कार्यकर्ताओं को धमकियां मिली थीं, लेकिन मैंने फिर भी पार्टी के लिए काम किया. हालांकि, 1 जून को आखिरी चरण के मतदान के बाद, मैंने घर छोड़ दिया. बाद में मुझे पता चला कि मेरे घर पर लूटपाट की गई है.

हलदर के बगल में बैठी 36 साल के मामोनी दास ने बताया कि वह 2016 से यह काम कर रही हैं. भाजपा के बरुईपुर संगठनात्मक जिले की उपाध्यक्ष मामोनी ने बताया कि 2016 के विधानसभा चुनावों के बाद स्थानीय टीएमसी नेताओं ने मुझे माथेरदिघी गांव (दक्षिण 24 परगना जिले में) में मेरे घर से बाहर निकाल दिया. उसके बाद मैं सहपारा और बाद में काठपोल में किराए के मकानों में रही, लेकिन फिर भी हमें धमकियां मिलती रहीं.

उन्होंने कहा कि 1 जून को मैं अपने गांव वापस गई और वोट डाला. 4 जून की रात को 50 से ज़्यादा गुंडों ने मेरे घर को घेर लिया. मैं छिप गई, लेकिन गुंडों ने मेरे पति और मेरी मां को पीटा. अगले दिन सुबह-सुबह हम फिर घर से निकल गए और मैं उन दोनों को अस्पताल ले गई. तब से ये पार्टी कार्यालय हमारा घर है.

टीएमसी समर्थित गुंडों ने छीन लिया ई-रिक्शा

जादवपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत विद्याधरी पल्ली में ई-रिक्शा चलाने वाले विकास रॉय (38) ने कहा कि टीएमसी समर्थित गुंडों ने उनका ई-रिक्शा छीन लिया, जिसके बाद उन्हें यहां आना पड़ा. रॉय ने कहा कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद, हमें फिर से एहसास हुआ कि टीएमसी हमारे घरों पर हमला करेगी. हुआ भी ऐसा ही... वे मेरे घर आए और हमें धमकाया. उन्होंने ताला तोड़ दिया और मेरा टोटो (ई-रिक्शा) ले गए. अब मैं कैसे कमाऊंगा? उस रात, मैं घर छोड़कर यहां आ गया था. मेरी पत्नी और बच्चे एक रिश्तेदार के घर पर हैं. बरुईपुर में तीन मंजिला भाजपा कार्यालय में वर्तमान में 50 पार्टी कार्यकर्ता रहते हैं, 2021 के बाद से लगभग हर चुनाव के बाद भाजपा कार्यालय को सुरक्षित घर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

कोलकाता में पार्टी कार्यालय में 100 कार्यकर्ता

लगभग 45 किलोमीटर दूर कोलकाता में भाजपा कार्यालय में करीब 100 से अधिक कार्यकर्ता और उनके परिजन शरण लिए हुए हैं. भाजपा मुख्यालय के पास एक बिल्डिंग है. इस बिल्डिंग के पहले और दूसरे फ्लोर पर हॉल में बिस्तर लगे हुए हैं. इन बिस्तरों पर रहने वालों में उत्तर 24 परगना के मीनाखान-1 मोंडोल के भाजपा युवा मोर्चा के सचिव शानू प्रमाणिक भी शामिल हैं. वे और पांच अन्य युवक शुक्रवार को 'सेफ हाउस' में आए.

2014 में सीपीआई(एम) से भाजपा में शामिल हुए 31 साल के प्रमाणिक ने कहा कि 4 जून को नतीजे आने के बाद, टीएमसी के गुंडों ने हमारे घरों में तोड़फोड़ की. उनके जबर्दस्ती घुसने से पहले मैं भाग गया. फिर हम अपने रिश्तेदार के घर छिप गए और आज सुबह करीब 3 बजे हम वहां से निकलकर दोपहर 1 बजे यहां पहुंचे. मेरे परिवार के सदस्य अभी भी वहीं हैं. उन्होंने हमें वापस न जाने के लिए कहा है क्योंकि धमकियां मिल रही हैं कि अगर हम वापस लौटे तो हमें मार दिया जाएगा.

भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेता बिष्णु ढाली (26) ने कहा कि हम बशीरहाट लोकसभा सीट में बूथ एजेंट थे. हमारे अधीन आने वाले पांच बूथों पर भाजपा आगे थी और इसी वजह से हमें निशाना बनाया जा रहा है. वे मुझे मेरे घर पर नहीं पा सके क्योंकि मैं नतीजों के बाद भाग गया था. लेकिन उन्होंने मेरी चाची को बुरी तरह पीटा. उन्होंने हमारे घर में तोड़फोड़ भी की. बशीरहाट सीट पर टीएमसी के एसके नूरुल इस्लाम ने भाजपा की रेखा पात्रा को 3,33,547 मतों से हराया है.

टीएमसी ने भाजपा के आरोपों को गलत बताया

उधर, टीएमसी ने इन आरोपों से इनकार किया है कि वह भाजपा कार्यकर्ताओं पर किसी भी हमले में शामिल थी. टीएमसी के सीनियर नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि ये सभी झूठे आरोप हैं. वे मीडिया का ध्यान खींचने के लिए ऐसा कर रहे हैं. टीएमसी के सभी नेताओं ने बयान दिया है कि हम विपक्ष पर कोई हमला नहीं होने देंगे.