अमेरिका और भारत के बीच चल रही द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की वार्ताओं के बीच शुल्क को लेकर तनातनी तेज हो गई है. पूर्व राजनयिक और लेखक विकास स्वरूप ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत से आने वाले सामान पर भारी शुल्क लगाना महज आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि राजनीतिक दबाव की रणनीति है. उन्होंने कहा कि भारत ने अपने राष्ट्रीय हित से समझौता किए बिना अमेरिकी "मैक्सिमलिस्ट" मांगों को ठुकराया है.
विकास स्वरूप के मुताबिक, ट्रंप द्वारा 50% शुल्क लगाने के पीछे तीन मुख्य कारण हैं. पहला, ट्रंप को लगता है कि BRICS एक अमेरिका-विरोधी गठबंधन है, जो डॉलर के विकल्प के रूप में नई मुद्रा बनाने पर काम कर रहा है, और भारत को इसका हिस्सा नहीं होना चाहिए. दूसरा, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम में ट्रंप की कथित भूमिका को भारत ने स्वीकार नहीं किया, जबकि पाकिस्तान ने न केवल इसे माना, बल्कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित भी किया. तीसरा, रूस-यूक्रेन संघर्ष में राष्ट्रपति पुतिन को युद्धविराम पर सहमत कराने में उनकी असफलता.
स्वरूप ने कहा कि भारत ने मई की शुरुआत में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए और पाकिस्तानी आक्रमण को विफल किया. संघर्षविराम भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच सीधे हुए संवाद के बाद हुआ, जिसमें किसी बाहरी मध्यस्थ की भूमिका नहीं थी. इसके बावजूद, ट्रंप लगभग 30 बार दावा कर चुके हैं कि उन्होंने दोनों देशों को युद्ध से रोका और परमाणु संकट टाल दिया.
#WATCH | Former diplomat Vikas Swarup says, "We have to look at US' relationship with Pakistan in a different lens from the US' relationship with India. I think the relationship with Pakistan right now is a very tactical one and is a short-term one, primarily motivated by the… pic.twitter.com/2ItidS0LFm
— ANI (@ANI) August 13, 2025
भारत और अमेरिका ने इस साल मार्च में BTA वार्ता शुरू की, जिसका पहला चरण अक्टूबर-नवंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है. स्वरूप का कहना है कि ट्रंप, भारत को अपने डेयरी, कृषि और जीएम फसलों तक अधिक पहुंच देने के लिए "डॉटेड लाइन पर साइन" कराने की कोशिश कर रहे हैं. जुलाई में उन्होंने पहले 25% और फिर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाया, जिससे कुल शुल्क 50% हो गया. यह कदम रूस से तेल आयात को लेकर भी एक संदेश था.
#WATCH | On Opposition questioning India's Foreign Policy and diplomacy, former diplomat Vikas Swarup says, "...Here, I would not blame our diplomats at all. I think what has happened is Pakistan, through some intermediaries, has gotten the ear of the US President and that is… pic.twitter.com/ceK1rQETLl
— ANI (@ANI) August 13, 2025
स्वरूप ने बताया कि 15 अगस्त को अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच यूक्रेन संघर्ष पर बैठक होगी. उनका मानना है कि अगर इन वार्ताओं का सकारात्मक नतीजा निकलता है, तो रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध हट सकते हैं, क्योंकि पुतिन युद्धविराम मानकर भी आर्थिक दबाव सहन नहीं करेंगे. इस बीच, भारत ने अमेरिकी दबाव को नकारते हुए कहा है कि शुल्क के असर का आंकलन किया जा रहा है और राष्ट्रीय हित की रक्षा के लिए हर कदम उठाया जाएगा.
#WATCH | On 50% tariffs imposed by the US on India, former diplomat Vikas Swarup says, "Trump is a dealmaker and he has now made it his USP that he is the peacemaker. Look at the number of conflict situations that he has mediated in, whether it is Thailand and Combodia, Rawanda… pic.twitter.com/cX9hRRmuWK
— ANI (@ANI) August 13, 2025