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अब पाक-चीन के सिर पर नाचेगी मौत, भारतीय सेना को मिल गया पहला स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन 'नागास्त्र-1'

आधुनिक दौर में युद्ध क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ गया है. रूस-यूक्रेन युद्ध में दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है. भारतीय सेना को मिला नागास्त्र 1 ड्रोन एक स्वदेशी ड्रोन है जो अंधेरी रात में भी दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला करने में सक्षम है.

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Edited By: India Daily Live
Nagastra-1
Courtesy: social media

आधुनिक युद्ध में ड्रोन का जमकर इस्तेमाल देखने को मिल रहा है. इस बीच भारतीय सेना ने स्वदेशी रूप विकसित आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1 की पहली खेंप हासिल कर ली है. अब भारत से पंगा लेने वाले चीन और पाकिस्तान के सिर पर मौत का तांडव होगा. इस ड्रोन को हासिल करने के बाद अब भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ गई है. नागास्त्र-1 की खासियत ये है कि यह उच्च तकनीक वाला ड्रोन दुष्मन के ठिकानों पर सटीक हमला करने में सक्षम है.

अंधेरी रात में भी कर सकता है सटीक हमला

नागास्त्र-1 को सोलर इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (EEL) ने बनाया है. नागास्त्र-1  'लोइटरिंग म्यूनिशन' का एक प्रकार है. इसका मतलब ये है कि यह टार्गेट किए हुए लक्ष्य के ऊपर मंडरा सकता है और अंधेरी रात में भी यह अपने लक्ष्य की पहचान कर उस पर हमला कर सकता है.


सेना के पहले बैच में 120 नागास्त्र-1 ड्रोन मिले हैं. माना जा रहा है कि सेना को कुल मिलाकर 450 नागास्त्र ड्रोन दिए जाएंगे.

जीपीएस तकनीक से लैस

9 किलोग्राम वजनी यह ड्रोन जीपीएस तकनीक से लैस है. यानी इसे जीपीएस से ट्रैक किया जा सकता है. यह ड्रोन 1 से 4 किलो ग्राम का विस्फोटक ले जाने में सक्षम है. नागास्त्र-1 4500 मीटर ऊपर उड़ान भरते हुए सीधे दुश्मन के निशानों को तबाह कर सकता है.

दोबारा किया जा सकता है इस्तेमाल

दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने के दौरान यह उनकी रियल टाइम वीडियो भी बनाता है. अच्छी बात ये है कि इस ड्रोन का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर मिशन कैंसिल हो जाता है या लक्ष्य का पता न लगने की स्थिति में यह वापस लौट सकता है और पैराशूट रिकवरी सिस्टम का इस्तेमाल कर सुरक्षित लैंड कर सकता है. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान ड्रोन के इस्तेमाल का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल देखने को मिला है. यमन के हौती विद्रोहियों ने भी समुद्री जहाजों पर हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया है.