Indian Defence Forces: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने गुरुवार को कहा कि भारतीय फौज एकमात्र ऐसी जगह है जहां कोई भाई-भतीजावाद नहीं है, उन्होंने बच्चों से देश की सेवा करने और स्थानों की खोज करने के लिए सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा रखने का आग्रह किया. रांची में एक कार्यक्रम में स्कूली बच्चों के साथ बातचीत करते हुए सीडीएस जनरल चौहान ने कहा कि सशस्त्र बलों ने इस वर्ष बड़ी संख्या में प्राकृतिक आपदाओं के बीच नागरिकों को बचाने के लिए अधिकतम प्रयास किए.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा, फौज (सेना) एकमात्र ऐसी जगह है जहां कोई भाई-भतीजावाद नहीं है. अगर आप देश की सेवा करना चाहते हैं और देश और दुनिया की खोज करना चाहते हैं, तो आपको सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा रखनी चाहिए. ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बोलते हुए जनरल चौहान ने कहा कि नागरिक हताहतों से बचने के लिए पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर पहला हमला 7 मई को रात 1 बजे किया गया था.
रात में हमला करने वजह बताई
उन्होंने कहा कि वह सबसे अंधकारमय समय होता है, उपग्रह चित्र, तस्वीरें प्राप्त करना और साक्ष्य एकत्र करना सबसे कठिन होता है. फिर भी हमने रात के 1 या 1:30 बजे हमला किया . ऐसा क्यों हुआ? इसके दो कारण थे. पहला हमें अपनी क्षमताओं पर भरोसा था कि रात में भी हम तस्वीरें प्राप्त कर पाएँगे. और दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह था कि हम नागरिकों को हताहत होने से बचाना चाहते थे.
उन्होंने आगे कहा कि आतंकी शिविरों पर हमला करने का सबसे अच्छा समय सुबह 5:30 से 6:00 बजे का होता, जब दिन का उजाला शुरू होता है, लेकिन उस समय पहली अज़ान या पहली प्रार्थना होती है और बहावलपुर और मुरीदके में उस समय बहुत अधिक हलचल हो सकती है इसलिए कई नागरिक मारे जा सकते थे.
ऑपरेशन सिंदूर
7 मई की सुबह भारतीय रक्षा बलों ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी शिविरों पर सटीक हमले किए, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. इस हमले में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर के 10 परिवार के सदस्य और चार करीबी सहयोगी शामिल थे.