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अलंद में केवल 24 याचिकाएं सही, वोट चोरी पर राहुल गांधी के आरोप को चुनाव आयोग ने किया खारिज

राहुल गांधी ने गुरुवार को चुनाव आयोग और उसके प्रमुख पर वोट चोरों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा था कि अलंद से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि हजारों कांग्रेस मतदाताओं के नाम हटाने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि वह यह जानकारी कर्नाटक सीआईडी ​​को सौंपे.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Only 24 petitions upheld in Aland
Courtesy: Social Media

Aland voter roll list: कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि 2023 के चुनावों से पहले अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने से संबंधित 6,018 ऑनलाइन आवेदनों की दो साल पहले जांच की गई थी और केवल 24 ही सही पाए गए थे. चुनाव आयोग ने आगे कहा कि इन मामलों की विस्तृत जानकारी पुलिस को भी सौंप दी गई है. यह प्रतिक्रिया कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सुनियोजित 'वोट चोरी' के आरोपों पर चुनाव आयोग की सीधी प्रतिक्रिया थी.

राहुल गांधी ने गुरुवार को चुनाव आयोग और उसके प्रमुख पर वोट चोरों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा था कि अलंद से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि हजारों कांग्रेस मतदाताओं के नाम हटाने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि वह यह जानकारी कर्नाटक सीआईडी ​​को सौंपे.

कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले कर्नाटक के अलंद निर्वाचन क्षेत्र में 6,018 वोटों को हटाने के कथित प्रयासों का विवरण दिया था. चुनाव आयोग ने पहले इन व्यापक आरोपों को "गलत और निराधार" बताया था और कहा था कि प्रभावित मतदाताओं को सुनवाई का मौका दिए बिना नाम नहीं हटाए जा सकते.

चुनाव आयोग ने दिया जवाब

कर्नाटक के चुनाव आयोग ने इस मामले में विस्तृत जवाब दिया. राज्य चुनाव कार्यालय ने बताया कि अलंद में मतदाता सूची के प्रभारी स्थानीय अधिकारी को दिसंबर 2022 में 6,018 आवेदन प्राप्त हुए. ये आवेदन विभिन्न सरकारी ऐप्स के माध्यम से ऑनलाइन दाखिल किए गए थे. अनुरोधों की असामान्य रूप से अधिक संख्या को देखते हुए, चुनाव अधिकारियों ने 2023 में प्रत्येक आवेदन का विस्तृत सत्यापन किया.

24 वैध अनुरोधों को स्वीकार किया गया

चुनाव कार्यालय ने कहा, केवल 24 आवेदन सही पाए गए और 5,994 आवेदन गलत पाए गए. 24 वैध अनुरोधों को स्वीकार कर लिया गया, जबकि बाकी को अस्वीकार कर दिया गया और कोई भी आवेदन हटाया नहीं गया. इन पूछताछ के आधार पर, अधिकारी ने 21 फरवरी, 2023 को कलबुर्गी जिले के अलंद पुलिस स्टेशन में पुलिस शिकायत दर्ज कराई.

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बाद, सीईओ ने बताया कि जांच में सहायता के लिए सभी उपलब्ध जानकारी 6 सितंबर, 2023 को कलबुर्गी के पुलिस अधीक्षक को सौंप दी गई. पुलिस के साथ साझा की गई जानकारी में आवेदनों के संदर्भ क्रमांक, आवेदन जमा करने वालों के नाम और मतदाता पहचान पत्र लॉग इन करने के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर आईपी एड्रेस, आवेदन जमा करने का स्थान और आवेदन जमा करने की तारीख और समय शामिल थे.

चुनाव कार्यालय ने यह भी बताया कि जांच की प्रगति की समीक्षा के लिए जांच अधिकारी और पुलिस के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ बैठकें की गईं. बयान में आगे कहा गया, कर्नाटक के सीईओ पहले से ही जांच एजेंसी को कोई भी अन्य सहायता, जानकारी या दस्तावेज उपलब्ध करा रहे हैं.