राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में हर दिन कुछ न कुछ नया निकल का सामने आ रहा है. स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवार के पूर्व पीए पर मारपीट का आरोप लगाया है. इस घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि घटना के बाद पुलिस स्टेशन गई थीं, लेकिन मीडिया को देखकर डर गई और बिना एफआईआर कराया ही वहां से चली गई. टाइम्स नाउ के साथ एक इंटरव्यू में स्वाति मालीवाल ने खुलासा किया कि वह सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन गई थीं और इस मामले में औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कर सकीं क्योंकि कई लोगों के फोन आने के बाद वह डर गई थीं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार द्वारा कथित मारपीट के मामले में स्वाति मालीवाल ने एफआईआर दर्ज करा दी है. उन्होंने तीस हजारी कोर्ट में अपना बयान भी दर्ज कराया है.
स्वाति मालीवाल ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि जब मैं थाने में थी, तब मुझे मीडिया के कई कॉल आए. जब मुझे इतने सारे कॉल आए, तो मैं डर गई. मैं इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहती थी. मैं वहां से उठकर घर लौट आई. बाद में संजय सिंह जी मुझसे मिलने आए. मुझे संजय सिंह का भी फोन आया. उन्होंने मुझसे कहा कि हम देखते हैं, कुछ करेंगे. मैं बहुत डरी हुई थी और पूरी तरह से सदमे में थी. बुरी तरह से पीटे जाने के बाद मैं बहुत दर्द में थी, इसलिए मैं शिकायत दर्ज कराने के लिए रुक नहीं सकती थी. संजय जी भी मेरे घर पर मुझसे मिले. उन्होंने मेरी हालत देखी. उसके बाद वे अरविंद केजरीवाल के घर गए और बिभव से भी मिले.
14 मई को AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि स्वाति मालीवाल के साथ हुई घटना बेहद निंदनीय है. दिल्ली पुलिस मिंटो रोड स्थित उनके आवास पर भी गई थी. 15 मई को, जब पार्टी ने यह स्वीकार कर लिया कि अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, उसके एक दिन बाद संजय सिंह ने स्वाति मालीवाल से दोबारा मुलाकात की. स्वाति मालीवाल से मुलाकात के दौरान संजय सिंह के साथ दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की सदस्य वंदना सिंह भी मौजूद थीं. यह मुलाकात मालीवाल के आवास पर हुई.
स्वाति मालीवाल ने इस मामले में अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया पर निराशा व्यक्त की. मालीवाल ने इंटरव्यू में कहा कि केजरीवाल जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, उससे मैं बहुत दुखी हूं. मैं 2006 से उनके साथ काम कर रही हूं. मुझे उनके ड्राइंग रूम में पीटा जा रहा था. मैं चिल्ला रही थी. केजरीवाल घर पर थे, लेकिन कोई मेरी मदद के लिए नहीं आया. फिर जब पार्टी मुझ पर हमला करने आई, तो उन्होंने मुझे पीड़ित के तौर पर शर्मिंदा किया, उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, अरविंद जी उनके (बिभव) साथ देखे गए, उन्होंने उनके लिए विरोध प्रदर्शन किया, उन्होंने उन्हें हीरो और मुझे खलनायक बना दिया. पार्टी में मेरे दोस्तों को मेरे साथ खड़े न होने की धमकी दी गई.
इस बीच, बिभव कुमार ने एक अदालत में जमानत याचिका दायर की है, जिसने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. शुक्रवार को कुमार को चार दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद उनके वकीलों ने याचिका दायर की, अदालत के सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया और कहा कि याचिका सोमवार को सुनवाई होगी. 18 मई को गिरफ्तार होने के बाद से कुमार पुलिस हिरासत में है. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, जवाब देने में टालमटोल कर रहे हैं और उन्होंने अपने मोबाइल फोन का पासवर्ड भी नहीं बताया है.