Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के समय क्रॉस वोटिंग से शुरू हुआ सियासी घमासान फिलहाल थमता नहीं दिख है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के एक और बड़ा झटका लगा है. राज्यसभा चुनाव के दौरान 27 फरवरी को क्रॉस वोटिंग के कारण अयोग्य ठहराए कांग्रेस छह पूर्व विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं. कांग्रेस विधायकों के साथ-साथ 3 निर्दलीय विधायक भी बीजेपी में शामिल हुए.
Eminent personalities from Himachal Pradesh join the BJP at party headquarters in New Delhi. #JoinBJP https://t.co/jsNYcoO1jt
— BJP (@BJP4India) March 23, 2024
हिमाचल प्रदेश के 68 में से 9 विधानसभा क्षेत्र खाली हो गए हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में अब 6 नहीं 9 विधानसभा में उप चुनाव होंगे. गौरतलब है कि पिछले दिनों चुनाव आयोग ने 7वें चरण में 1 जून हिमाचल प्रदेश की सभी चार लोकसभा सीटों के साथ-साथ राज्य की खाली 6 विधानसभा सीट- धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट, कुटलेहड़ लाहौल और स्पीति में उप चुनाव कराने का ऐलान किया था. ऐसे में संभव है कि चुनाव आयोग अब हमीरपुर, देहरा और नालागढ़ सीट पर भी उप चुनाव करा सकती है.
बताया जा रहा है कि ये सभी 9 लोग बीजेपी की टिकट पर आगामी विधानसभा उप चुनाव भी लड़ेंगे. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक बीजेपी इन्हें विधानसभा अपना उम्मीदवार घोषित कर उप चुनाव लड़ा सकती है.
आपको बता दें कि राज्यसभा के चुनाव में कांग्रेस में अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी हर्ष महाजन को अपना उम्मीदवार बनाया था. आंकड़ों में कांग्रेस का पलड़ा भारी था. 68 विधायकों में से कांग्रेस के पास 40, बीजेपी के पास 25 और 3 निर्दलीय एमएलए थे, लेकिन क्रॉस वोटिंग ने खेल कर दिया. 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवार दोनों को बराबर वोट मिले. इसके बाद पर्ची निकली गई और हर्ष महाजन चुनाव जीत गए. इस दौरान छह कांग्रेसी विधायक धीर शर्मा, रवि ठाकुर, इंदर दत्त लखनपाल, राजिंदर राणा, चैतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो ने क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया.
इसके बाद हिमाचल प्रदेश की राजनीति में घटनाक्रम तेजी से बदलने लगा. विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर लगातार संकट के बादल मंडराने लगे हैं. वहीं नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का रिजल्ट हिमाचल विधानसभा का समीकरण काफी बदल सकता है. फिलहाल विधानसभा की 68 में कांग्रेस के पास 34 और बीजेपी के पास 25 सीटें हैं. ऐसे में अगर बीजेपी सभी 9 सीटों पर उपचुनाव जीत जाती है तो राज्य में भाजपा की स्थिति काफी मजबूत हो जाएगी और उनकी विधायकों की संख्या 25 से बढ़कर 34 हो जाएगी.
ऐसे में राज्य सभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद फ्लोर टेस्ट में भले ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बच गई हो, लेकिन अभी भी उन पर खतरा मंडरा रहा है.