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'आर्टिकल-370 हटाने के पीछे का उद्देश्य संवैधानिक नहीं राजनैतिक'- कपिल सिब्बल ने SC में दी दलील

Article-370: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल-370 को हटाए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है.

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Sagar Bhardwaj
'आर्टिकल-370 हटाने के पीछे का उद्देश्य संवैधानिक नहीं राजनैतिक'- कपिल सिब्बल ने SC में दी दलील

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल-370 को हटाए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है.

सुनवाई के पहले दिन याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अपनी दलील में कहा कि र्टिकल-370 को एक राजनीतिक उद्देश्य के चलते हटाया गया है ना कि संवैधानिक प्रक्रिया के आधार पर.

सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 5 जजों की बेंच ने उनसे पूछा कि क्या एक निर्वाचित विधानसभा के लिए  आर्टिकल-370 को निरस्त करना संभव है, इस पर सिब्बल ने कहा कि अनुच्छेद 356 जिसके तहत किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है, एक अस्थाई स्थिति है और इसका उद्देश्य लोकतंत्र को नष्ट करना नहीं है.

सिब्बल बोले- यह एक ऐतिहासिक क्षण

कपिल सिब्बल ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है, अदालत इस बात का विश्लेषण करेगी कि 6 अगस्त 2019 को इतिहास को क्यों बदला गया और क्या यह पूरी प्रक्रिया लोकतंत्र के अनुरूप थी या नहीं. सिब्बल ने कहा कि यह ऐतिहासिक है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में पिछले 5 साल से कोई सरकार नहीं है.

वहीं सीजेआई ने कहा कि हम यहां इस आधार पर खड़े हैं कि भारत के साथ जम्मू कश्मीर का एकीकरण निर्विवादित था और हमेशा रहेगा. उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 के अलावा सभी कानून लागू थे, इस अधिकार को छीनने का कोई कारण नहीं था.

'अदालत निर्धारित करे संविधान सभा का मतलब क्या है'
सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि अदालत को यह निर्धारित करना चाहिए कि संविधान सभा का क्या मतलब है. सिब्बल ने कहा कि 1950 में संविधान द्वारा एक संरचना की परिकल्पना की गई थी लेकिन संविधान सभा का उल्लेख क्यों नहीं किया गया जब यह अस्तित्व में नहीं था.

 वे जम्मू-कश्मीर सरकार कह सकते थे. उन्होंने क्यों लिखा कि 370 (3) संविधान सभा में है. कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर आर्टिकल-370 को निरस्त करना है तो आपको संविधान सभा की सहमति लेनी होगी.

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