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India Daily

प्यार, जासूसी और विश्वासघात, जब ISI एजेंट के जाल में फंसी भारत की एक हाई प्रोफाइल अफसर

पिछले दो हफ्तों में देश के अलग-अलग जगहों से आठ पाकिस्तानी जासूसों को पर शिकंजा कसा गया है. लेकिन इस बीच एक और नाम और गद्दारी की एक और खतरनाक दास्तान अखबारों की हेडलाइन बन रही हैं. 

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Edited By: Reepu Kumari
Love, espionage and betrayal, when Madhuri Gupta, a high profile officer of India got trapped in the
Courtesy: Google

Madhuri Gupta: देश के साथ गद्दारी करने वाले को कभी माफ नहीं किया जा सकता है. उनकी वजह से ना जाने कितने मासूमों की जान चली गई है अब तक. हाल ही में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में एक यू-ट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) को गिरफ्तार किया गया था. ज्योति हरियाणा से है. देश की राष्ट्रीय जांच एजेंसीयां NIA, IB और मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) का अब तक ज्योती से पूछ ताछ जारी. इस गहरी पूछताछ में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. 

ज्योति पर दुश्मन देश पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है. साथ ही वह देश की कई सीक्रेट जानकारी पाकिस्तान को भेज रही थी. ज्योति से पाकिस्तानी और  आतंकवाद के साथ कनेक्शन पर पूछ ताछ जारी है. इसके लिए पाकिस्तान हाई कमीशन के अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से संपर्क को लेकर भी सवाल दागे जा रहे हैं. 

लेकिन आपको क्या लगता इकलौती ज्योती ही है जिसपर देश के साथ गद्दारी करने का आरोप लगा है. नहीं, पिछले दो हफ्तों में देश के अलग-अलग जगहों से आठ पाकिस्तानी जासूसों को पर शिकंजा कसा गया है. लेकिन इस बीच एक और नाम और गद्दारी की एक और खतरनाक दास्तान अखबारों की हेडलाइन बन रही हैं. 

माधुरी गुप्ता केस 

ज्योति मल्होत्रा को जब से गिरफ्तार किया गया है तब से ही  एक बार फिर माधुरी गुप्ता (Madhuri Gupta) की किताब खुलकर सामने आ गई है. किस तरह से वो पाकिस्तानी अधिकारी के नकली प्यार के जाल में फंस जाती है. फिर देश की सुरक्षा के साथ समझौता करती है. 

कौन थी माधुरी गुप्ता?

भारत की विदेश सेवा की एक सीनियर अफसर, जिसने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से पढ़ाई की, UPSC पास कर देश की सेवा में आई, वो अचानक देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन जाए. यह कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी लगती है, लेकिन हकीकत में ऐसा हुआ. साल 2007 में इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात माधुरी गुप्ता के जीवन में ऐसा ही एक मोड़ आया जिसने सब कुछ बदल दिया.

माधुरी गुप्ता की ISI ट्रेंड एजेंट से मुलाकात

52 वर्षीय माधुरी गुप्ता उस समय भारत के प्रेस और सूचना विभाग की जिम्मेदारी निभा रही थीं. वह विदेश सेवा की ग्रुप बी की सीनियर अफसर थीं और पूरी लगन से अपनी ड्यूटी निभा रही थीं. लेकिन इस्लामाबाद के एक आयोजन में उनकी मुलाकात हुई जमशेद नाम के युवक से, जो असल में ISI का प्रशिक्षित एजेंट था. बातचीत से शुरू हुआ रिश्ता धीरे-धीरे प्रेम में बदल गया, और माधुरी अपने से आधी उम्र के इस पाकिस्तानी युवक के प्यार में डूबती चली गईं.

माधुरी की एक कमजोरी की उठाया फायदा

भारत सरकार से पहले ही नाराज चल रही माधुरी का जमशेद ने भावनात्मक शोषण किया. उनकी नाराजगी का फायदा उठाते हुए जमशेद ने उन्हें भारत सरकार के खिलाफ भड़काया और फिर उनसे गोपनीय जानकारी निकलवाना शुरू कर दिया. R&AW और भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां माधुरी गुप्ता ISI को देने लगीं. इतना ही नहीं, वह इस्लाम कबूल कर तुर्किये के इस्तांबुल में बसने की योजना भी बना चुकी थीं.

दिल्ली बुलाकर गिरफ्तारी

लेकिन उनकी गतिविधियों पर पाकिस्तान में भारतीय अधिकारियों की नजर पड़ी. शक होते ही इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ ने हाईलेवल ऑपरेशन प्लान किया. एक फर्जी सूचना के जरिए जाल बिछाया गया और माधुरी की जासूसी की पुष्टि हो गई. साल 2010 में उन्हें दिल्ली बुलाकर गिरफ्तार कर लिया गया.

देशद्रोह का दोषी करार

साल 2018 में अदालत ने माधुरी को देशद्रोह का दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई. न्यायालय ने कहा कि उन्होंने जो जानकारी लीक की, वो दुश्मन देश के लिए अत्यंत उपयोगी थी. सजा काटने के बाद माधुरी राजस्थान के भिवाड़ी में अकेले जीवन जीने लगीं और 2021 में 64 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया.