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Gauhati University CAA Debate: गुवाहाटी यूनिवर्सिटी कैंपस में CAA पर डिबेट के बाद हिंसा, 6 छात्र घायल

Gauhati University CAA Debate: असम की राजधानी गुवाहाटी में सीएए को लेकर जारी डिबेट के बीच हिंसा का मामला सामने आया है. मामला गुवाहाटी यूनिवर्सिटी का बताया जा रहा है. यूनिवर्सिटी कैंपस में CAA को लेकर डिबेट का आयोजन किया था. डिबेट के बाद हिंसा की खबर सामने आ रही है.

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Gauhati University CAA Debate

Gauhati University CAA Debate: असम के गुवाहाटी यूनिवर्सिटी कैंपस में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर आयोजित डिबेट के बाद छात्रों के दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई. CAA पर डिबेट का आयोजन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की ओर से किया गया था. कहा जा रहा है कि डिबेट का आयोजन का सोमवार को छात्रों के एक गुट की ओर से विरोध कर दिया गया, जिसके बाद दोनों गुटों में हिंसक झड़प हो गई. मामले की जानकारी के बाद पुलिस भी यूनिवर्सिटी कैंपस में पहुंची. पुलिस ने कहा कि हिंसक झड़प में शामिल छात्रों को नियंत्रित करने के लिए हमें हस्तक्षेप करना पड़ा.

पुलिस ने बताया कि झड़प में कुछ छात्र घायल हुए हैं, जिन्हें मामूली चोटें आईं हैं. शुरुआती इलाज के बाद छात्रों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. उधर, डिबेट का आयोजन करने वाली एबीवीपी ने आरोप लगाया कि छात्रों के एक समूह ने शुरू में डिबेट में बाधाएं पैदा करने का प्रयास किया और बाद में उन्होंने आयोजकों पर हमला किया.

झड़प को लेकर पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस के अनुसार, डिबेट के बाद छात्र एक-दूसरे से लड़ने लगे. झड़प में 6 छात्र घायल हो गए. उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोमवार को गुवाहाटी यूनिवर्सिटी के बिरंची कुमार बरुआ ऑडिटोरियम में अपने 'राज्य छात्र नेता सम्मेलन' में एक डिबेट का आयोजन किया था. ABVP के मुताबिक, छात्रों के एक गुट ने पहले तो बहस में बाधा डालने की कोशिश की और बाद में उन्होंने आयोजकों पर हमला कर दिया.

उधर, हमले के आरोपों का सामना कर रहे छात्रों ने दावा किया कि एबीवीपी सदस्य अपमानजनक टिप्पणी कर रहे थे और समाज के कुछ वर्गों को निशाना बना रहे थे. एक छात्र ने कहा कि ये एक शैक्षणिक संस्थान है और छात्रों की राजनीति की कुछ सीमाएं हैं. यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने कहा कि वे मामले की जांच करेंगे और जरूरत पड़ने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

केंद्र सरकार ने 11 मार्च को सीएए के पूरे देश में लागू होने की घोषणा की थी. कानून के महत्व और प्रभाव को लेकर पूरे असम में कई चर्चाएं हो रही हैं. संसद से पारित CAA, 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के पीड़ित हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई को नागरिकता देता है.