Union Minister Shobha Karandlaje : तमिलनाडु की रूलिंग पार्टी DMK की एक शिकायत को ध्यान में रखते हुए भारतीय निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कर्नाटक के चीफ इलेक्शन ऑफिसर को मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत शोभा करंदलाजे के खिलाफ उचित एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही इलेक्शन कमीशन ने CEO को 48 घंटे के भीतर एक्शन की रिपोर्ट भी देने को कहा है.
अगले 48 घंटे में राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को शोभा करंदलाजे के खिलाफ एक्शन लेकर इलेक्शन कमीनश को रिपोर्ट देनी है.
मंगलवार को बीजेपी की केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि तमिलनाडु के लोग आकर बम फोड़ देते हैं, दिल्ली वाले लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं और केरल के लोग एसिड अटैक में शामिल होते हैं.
शोभा करंदलाजे कर्नाटक के उडुपी चिकमंगलूर लोकसभा सीट से साल 2014 से ही सांसद हैं. वो कनार्टका बीजेपी की वाइस प्रेसिडेंट भी हैं.
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे के इस विवादित बयान के बाद तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज डीएमके ने इलेक्शन कमीशन से शिकायत करते हुए कहा कि शोभा करंदलाजे ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट और रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट का उल्लंघन किया है.
केंद्रीय मंत्री ने बाद में मंगलवार को ही अपने विवादित बयान पर माफी भी मांगी थी. उन्होंने कहा- "मैं अपने तमिल भाइयों और बहनों को स्पष्ट करना चाहती हूं कि मेरे शब्द आपको आहत करने के लिए नहीं थे. अगर मेरे शब्दों से किसी को दुख पहुंचा हो तो उसके लिए मैं क्षमा मांगती हूं. मैंने सिर्फ उन लोगों पर कमेंट किया था जो रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट में शामिल थे. मैं माफी मांगते हुए अपने बयान को वापस ले रही हूं."
To my Tamil brothers & sisters,
— Shobha Karandlaje (Modi Ka Parivar) (@ShobhaBJP) March 19, 2024
I wish to clarify that my words were meant to shine light, not cast shadows. Yet I see that my remarks brought pain to some - and for that, I apologize. My remarks were solely directed towards those trained in the Krishnagiri forest,
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इलेक्शन कमीशन ने केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे के खिलाफ एक्शन लेने का आदेश देने के साथ उन पार्टियों पर भी एक्शन लिया है जिन्होंने सरकार के 16 मार्च के आदेश के बाद भी अपने विज्ञापनों को नहीं हटाया है. इलेक्शन की तारीखों के ऐलान के साथ ही मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट भी लागू हो गाय था. चुनाव आयोग ने केंद्रीय कैबिनेट सचिव और राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और CEO को ऐसे विज्ञापनों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए है.