नई दिल्ली: JDU के वरिष्ठ नेता और पूर्व MLC रणवीर नंदन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को लिखे पत्र में रणवीर नंदन ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान किया. इसके तुरंत बाद जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने लेटर जारी करते हुए रणवीर नंदन को पार्टी से निष्कासित कर दिया.
रणवीर नंदन ने इस्तीफा देने का पूरा ठीकरा राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के माथे पर मढ़ दिया. रणवीर नंदन ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि ललन सिंह को कार्यकर्ताओं के साथ बात करने नहीं आता है. उनका पुराना रवैया रहा है कार्यकर्ताओं के साथ भी अच्छे ढंग से बात नहीं करते हैं. दो दिन पहले वह राज्य सरकार के मंत्री अशोक चौधरी से भी आक्रामक मूड में बात करने लगे थे. आज हमें अचानक सुबह 9:30 बजे बुलाया और हमसे पूछे कि आप पार्टी के गाइडलाइन से अलग चल रहे हैं. बातचीत के दौरान उनकी ओर से अभद्र भाषा का प्रयोग होने लगा. जिसके बाद हम भी गुस्सा हो गए और हमने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. 2 अक्टूबर को हम आगे क्या करेंगे इसका खुलासा करेंगे. चर्चाओं और अटकलों का बाजार गर्म है कि रणवीर नंदन बीजेपी का दामन थाम सकते है"
रणवीर नंदन ने अपने बयान में आगे कहा कि हम हम पर जो आरोप लगाया जा रहा है वह बिल्कुल बुनियाद है. हमने कुछ दिन पहले राहुल गांधी जो विदेशों में भारत पर टिप्पणी कर रहे थे तो उसके ऊपर हमने अपनी राय रखी थी. इसके अलावा हमने एक बातें यह भी कहा थी कि पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार दोनों वंशवाद के पोषक नहीं है. इन दोनों बातों को लेकर वह हमसे गुस्सा करने लगे. रणवीर नंदन ने कहा कि हमने उन्हें कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत बयान था, लेकिन उन्होंने कहा कि आप पार्टी में रहकर व्यक्तिगत कैसे बोलोगे और जिस तरह भाषाओं का प्रयोग करने लगे वह बिल्कुल बर्दाश्त लायक नहीं था.
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