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India Daily

अपने हक की खाद मांगी तो आदिवासी किसान पर आगबबूला हुई पुलिस, बरसाए लात-घूंसे, मारते-मारते किया अधमरा

मध्य प्रदेश के बिंध्य क्षेत्र में यूरिया खाद की कमी के बीच रीवा के किसान समृद्धि केंद्र पर आदिवासी किसान प्रभु दयाल को पुलिस ने बुरी तरह पीटा. प्रभु दयाल ने 5 बोरी यूरिया की मांग की, लेकिन केंद्र ने केवल 2 बोरी दी. वीडियो वायरल होने से गुस्से का माहौल बन गया.

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Edited By: Princy Sharma
Rewa Tribal Farmer
Courtesy: Social Media

Rewa Tribal Farmer: मध्य प्रदेश के बिंध्या क्षेत्र में खाद की भारी कमी के बीच एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. रीवा जिले के विकासखंड में स्थित एक किसान समृद्धि केंद्र पर बुधवार सुबह आदिवासी किसान प्रभु दयाल को पुलिस ने लात-घूंसों से बुरी तरह पीटा . 

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिससे पुलिस और प्रशासन के खिलाफ गुस्सा और सवाल उठने लगे हैं. प्रभु दयाल यूरिया खाद लेने के लिए किसान समृद्धि केंद्र पहुंचे थे. उन्होंने टोकन लिया था और उनकी मांग थी कि उन्हें पांच बोरी यूरिया दी जाए, लेकिन केंद्र पर मौजूद अधिकारियों ने केवल दो बोरी दी.

गाड़ी में बिठाकर थाने ले गई पुलिस

जब उन्होंने अपनी पूरी जरूरत का खाद देने की बात की, तो मामला बढ़ गया. पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और गाड़ी में बिठाकर थाने ले गई. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि पुलिसकर्मी प्रभु दयाल के साथ मारपीट कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होते ही लोगों ने प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं, खासकर इस समय जब बिंध्य क्षेत्र में यूरिया खाद की भारी कमी हो रही है. 

पुलिस ने किया दावा

किसान रातभर लाइन में लगकर टोकन प्राप्त करते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें पूरी मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही. ऐसे में प्रभु दयाल की पिटाई ने किसानों के गुस्से को और बढ़ा दिया है. हालांक, पुलिस प्रशासन ने इस मारपीट के आरोपों से इनकार किया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने दावा किया है कि प्रभु दयाल शराब के नशे में था और हंगामा कर रहा था, जिसके कारण उसे हिरासत में लिया गया.

प्रभु दयाल ने क्या कहा?

पुलिस का कहना है कि वह बाद में अपने परिजनों को सौंप दिया गया. लेकिन, प्रभु दयाल का कहना है कि वह पूरी तरह होश में था और केवल अपनी मांग रख रहा था. उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसे धमकाया और थाने ले जाकर केस दर्ज करने की धमकी दी . यह घटना बिंध्य क्षेत्र में खाद संकट की गंभीरता को और बढ़ाती है, जहां किसानों को खाद के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.