नई दिल्ली: महिला पहलवानों के आरोपों का सामना कर रहे यूपी के बीजेपी सासंद और WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. अवैध खनन के आरोपों की जांच के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से जांच करने और उचित कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया है. एनजीटी के इस एक्शन के बाद बृजभूषण सिंह की मुश्किलें और बढ़ती हुई नजर आ रही है.
जांच के लिए पैनल गठित
राजा राम सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने के लिए एनजीटी ने एक पैनल का गठन किया है. दरअसल, राजा राम सिंह ने दावा किया था कि केसर गंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह तरबगंज और जिला गोंडा जिले के माझारथ, जैतपुर और नवाबगंज जैसे कई गांव में अवैध खनन में शामिल थे.
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बृजभूषण सिंह पर यह भी आरोप है कि लगभग 20 लाख घन मीटर लघु खनिजों के अवैध परिवहन, भंडारण और बिक्री के लिए हर दिन 700 से अधिक ओवरलोडेड ट्रकों का उपयोग किया जाता था. साथ ही उन्होंने दावा किया कि इन ओवरलोडेड ट्रकों से पटपड़ गंज पुल और सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है.
NGT ने दिए संयुक्त जांच के आदेश
एनजीटी ने इस पूरे मामले को लेकर पर्यावरण मंत्रालय, प्रदूषण अधिकारियों और गोंडा के डीएम को संयुक्त जांच के आदेश दे दिए है. इस मामले में एनजीटी ने अगली सुनवाई की तारीख 7 नवंबर को तय की है. और दो महीने के भीतर एक तथ्यात्मक और की गई कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
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