नई दिल्ली: हरियाणा के नूंह में एक धार्मिक यात्रा के दौरान हुई हिंसा के दौरान एक एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की गाड़ी पर हमला कर आग लगाने का मामला सामने आया है. इस हमले में जज और उनकी तीन साल की बेटी बाल-बाल बच गईं. इस घटना के संदर्भ में मंगलवार को केस दर्ज कराया गया है. एफआईआर में बताया गया है कि सोमवार को अचानक भीड़ ने अंजलि जैन की गाड़ी पर अचानक भीड़ ने न सिर्फ हमला किया बल्कि गाड़ी में आग भी लगा दी. इस मामले में शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.
अस्पताल से लौटने के क्रम में हमला
एफआईआर में बताया गया है कि सिविल जज अंजलि जैन अपनी तीन साल की बेटी को लेकर एसएचकेएम मेडिकल कॉलेज से लौटा रहीं थी. इस दौरान कार पर 100-150 लोगों की भीड़ के हमला कर दिया, जिसके बाद उन्हें बचाने के लिए एक स्थानीय कार्यशाला में छिपना पड़ा.
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कई धाराओं के तहत केस दर्ज
एफआइआर में बताया गया है कि अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंजलि जैन, उनकी बेटी, एक बंदूकधारी समेत कुल चार लोग एसएचकेएम मेडिकल कॉलेज से लौट रहे थे. हम सभी वोक्सवैगन पोलो में थे, जो एसीजेएम अंजलि जैन के नाम पर है. दोपहर 2 बजे दिल्ली-अलवर रोड पर पुराने बस स्टैंड स्थित बंधन बैंक के पास पहुंचे तो वहां 100-150 लोगों की भीड़ जमा थी. उन्होंने पथराव और आगजनी शुरू कर दी. इस दौरान पत्थर लगने से कार का शीशा टूट गया और फिर फायरिंग शुरू हो गई. इस दौरान हम सभी को जान बचाने के लिए पुराने बस अड्डे पर एक वर्कशॉप में छिपना पड़ा, जिसके बाद कुछ वकीलों ने हमें बचाया. अगले दिन, जब मैं घटनास्थल पर कार को देखने गया तो पता चला कि कार पूरी तरह जल चुकी है.
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