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India Daily
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Article 370 Case: SC में हुई सुनवाई, CJI बोले- 'अनुच्छेद 35A ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों को छीना'

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि अनुच्छेद 35A ने नागरिकों से जम्मू- कश्मीर में रोजगार, अवसर की समानता और संपत्ति अर्जित करने के अधिकारों को छीना है. ये अधिकार खास तौर पर गैर-निवासियों से छीने गए हैं.

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Abhiranjan Kumar
Article 370 Case: SC में हुई सुनवाई, CJI बोले-  'अनुच्छेद 35A ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों को छीना'

Supreme Court Article 370 Case: सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 (Article 370) की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने बड़ी और अहम टिप्पणी की है. उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि अनुच्छेद 35A ने नागरिकों के कई मौलिक अधिकारों को छीन लिया है. इसने नागरिकों से जम्मू-कश्मीर में रोजगार, अवसर की समानता, संपत्ति अर्जित करने के अधिकार छीना है. ये अधिकार खास तौर पर गैर-निवासियों से छीने गए हैं.

नागरिकों से छीनता है अधिकार

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि राज्य के अधीन किसी भी कार्यालय में रोजगार या नियुक्ति से संबंधित मामलों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समानता, अचल संपत्ति अर्जित करने का अधिकार और राज्य सरकार के तहत रोजगार का अधिकार आता है. ये सब यह अनुच्छेद नागरिकों से छीनता है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि ये निवासियों के विशेष अधिकार थे और गैर-निवासियों के अधिकार से बाहर किए गए. उन्होंने कहा कि संवैधानिक सिद्धांत के अनुसार, भारत सरकार एक एकल इकाई है. भारत सरकार एक शाश्वत इकाई है.

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गौरतलब है कि जस्टिस ऑफ इंडिया ने ये बात तब कही जब केंद्र की ओर से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि पहले की गलती का असर आने वाली पीढ़ियों पर नहीं पड़ सकता है. हमने 2019 में पिछली गलती को सुधार लिया है. इस पर सीजेआई ने कहा कि एक स्तर पर आप सही हो सकते हैं कि भारत का गणतंत्र एक दस्तावेज है जो जम्मू-कश्मीर संविधान की तुलना में उच्च मंच पर है. लेकिन एक और बात ये है कि आपने यह जताने की कोशिश की है कि जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा विधानसभा थी, लेकिन विधानसभा संविधान सभा नहीं है. ये सही नहीं हो सकता है क्योंकि अनुच्छेद 238 संविधान सभा की मंजूरी के बाद ही विषयों को राज्य के दायरे में लाता है. इसलिए इसे केवल विधानसभा कहना सही नहीं हो सकता है.

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