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अमेरिका ने फिर दोहराया UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन, चीन को रोकने के लिए 'क्वाड' समूह के महत्व पर दिया जोर

G-20 Summit: जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शुक्रवार (8 सितंबर) को दिल्ली पहुंचे. दिल्ली पहुंचने के बाद पीएम मोदी और बाइडेन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई.

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Sagar Bhardwaj
अमेरिका ने फिर दोहराया UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन, चीन को रोकने के लिए 'क्वाड' समूह के महत्व पर दिया जोर

नई दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शुक्रवार (8 सितंबर) को दिल्ली पहुंचे. केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया.

दिल्ली पहुंचने के बाद पीएम मोदी और बाइडेन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हुई. इस दौरान जो बाइडेन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया.

चीन को रोकने के लिए क्वाड समूह के महत्व पर दिया जोर

इसके अलावा दोनों नेताओं ने मुक्त, खुले, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत का समर्थन करने में क्वाड समूह के महत्व पर शुक्रवार को जोर दिया.

दोनों नेताओं के बीच हुई इस बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में  यह भी कहा गया कि प्रधानमंत्री 2024 में भारत की मेजबानी में होने वाले 'क्वाड' नेताओं के शिखर सममेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं.

बता दें कि क्वाड समूह में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. क्वाड क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता की पृष्ठभूमि में एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

इस बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया जिसमें पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच मित्रता वैश्विक भलाई को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी.

अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन की यह पहली भारत यात्रा है. इससे पहले 2020 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की यात्रा की थी.

साझा बयान में कहा गया कि मोदी और बाइडेन ने मुक्त, खुले, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत का समर्थन करने में क्वाड के महत्व को दोहराया.

इसमें कहा गया कि भारत ने जून 2023 में हिंद-प्रशांत महासागर पहल (IPOI) में शामिल होने के अमेरिका के फैसले के साथ ही व्यापार संपर्क और समुद्री परिवहन पर 'इंडो पैसिफिक ओशन इंनिशिएटिव पिलर' का एक साथ नेतृत्व करने के उसके फैसले का भी स्वागत किया.

 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का किया समर्थन
साझा बयान में कहा गया कि इस विचार को साझा करते हुए कि वैश्विक शासन अधिक समावेशी और प्रतिनिधिक होना चाहिए. बाइडेन ने संयुक्त  राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता की दावेदारी का भी समर्थन किया,  साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2028-29 के लिए भारत की गैर स्थाई सीट की दावेदारी का भी फिर से स्वागत किया.

बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने और सुधार करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया ताकि यह समकालीन वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित कर सके और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता की स्थायी एवं गैर-स्थाई श्रेणियों में विस्तार सहित संयुक्त राष्ट्र के व्यापक सुधार एजेंडे के लिए प्रतिबद्ध रहे.

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