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अग्निपथ के चलते टूटा डिफेंस में जाने का सपना, फिर भी उत्तराखंडियों की पहली च्वाइस है बीजेपी, समझिए क्यों

Lok Sabha Election: उत्तराखंड से बड़ी संख्या में लोगों ने सेना में अपनी सेवाएं दी है लेकिन अग्निपथ योजना के आने के बाद डिफेंस में जाने को लेकर युवाओं में उदासीनता देखने को मिली है. इसके बाद भी चुनाव में अग्निपथ लाने वाले बीजेपी लोगों की पहली पसंद है. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह.

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Purushottam Kumar

Lok Sabha Election: देश भर में अग्निपथ योजना को लेकर सड़कों पर कभी खूब बवाल हुई है. अग्निपथ योजना को लेकर देश के अधिकांश युवाओं में गुस्सा देखने को मिला था. धीरे धीरे समय बीतता गया और फिर सड़कों पर युवाओं का प्रदर्शन थम गया. हालांकि, आज भी युवाओं में अग्निपथ को लेकर गुस्सा देखने को मिलता है. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की अगर हम बात करें तो यह राज्य सेना के जवानों और सेवानिवृत्त सेना कर्मियों के परिवारों के भरा हुआ है लेकिन अब डिफेंस की नौकरी को लेकर युवाओं में उदासीनता देखने को मिल रही है.

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हाल में ही गढ़वाल में एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को घेरते हुए सेना के जवानों और सेवानिवृत्त सेना कर्मियों के परिवारों को उचित सम्मान नहीं देने का आरोप लगाया था. देश के वर्तमान सीडीएस जनरल अनिल चौहान भी पौड़ी गढ़वाल के गवाना क्षेत्र से संबंध रखते हैं.

अग्निपथ के आने के बाद युवाओं ने बदले कैरियर

सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की ओर से अग्निपथ योजना लगाए जाने के बाद उत्तराखंड के युवाओं में हर तरफ उदासीनता देखने को मिल रही है. सेना भर्ती की तैयारी करने वाले कई छात्र अब अपना कैरियर बदल बैठे हैं. राज्य में बड़ी तादाद में ऐसे युवा थे जो अग्निपथ के आने के बाद सेना में शामिल नहीं होना चाहता. बीजेपी ने इन युवाओं के सपनों पर पानी जरूर फेर दिया लेकिन इसके बाद भी प्रदेश के लोगों की च्वाइस में बीजेपी पहले नंबर पर है. आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे का कारण.

  • साल 2023 में स्वतंत्रता दिवस के दिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अग्निपथ को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में युवाओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का ऐलान किया था. इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि यह योजना के आने से युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा. सीएम धामी ने आगे कहा था कि उनकी सरकार पुलिस सहित कई सेवाओं में सेवानिवृत्त अग्नि वीरों को प्राथमिकता देगी.
  • उत्तराखंड में एक बड़ा वर्ग बीजेपी को वोट करता है इसके पीछे कहीं न कहीं प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी का चेहरा भी मायने रखती है. इसके अलावा सरकार की ओर से पहाड़ों पर किए गए विकास कार्य के चलते भी लोग बीजेपी को पसंद करते हैं.
  • उत्तराखंड के कुछ लोगों का मानना है कि अग्निपथ योजना का कुछ सकारात्मक पक्ष भी है. उनका कहना है कि चार साल तक सेना में सेवा देने के बाद युवा जब सेवानिवृत्त होंगे तब उनमें कौशल और अनुशासन होगा.

साल 2022 में शुरू हुई थी अग्निपथ योजना

केंद्र सरकार ने साल 2022 में अग्निपथ भर्ती योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत डिफेंस में युवाओं को 4 साल के लिए शामिल करने का फैसला किया गया है. चार साल के बाद बैच में से 25 फीसदी लोगों की नौकरी पक्की जाएगी और बाकी सभी लोगों को रिटायरमेंट देकर बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. सरकार के इस योजना के खिलाफ बड़ी संख्या में युवा सड़कों पर लामबंद हुए थे.

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