महाराष्ट्र एक सबसे बड़े राजनीतिक परिवारों में से एक 'पवार' परिवार में ऐसी फूट पड़ी है कि चुनावी लड़ाई में ननद सुप्रिया सुले के खिलाफ उनकी भाभी सुनेत्रा पवार उतर गई हैं. यह लड़ाई चाचा शरद पवार बनाम भतीजे अजित पवार की है. अब सुप्रिया सुले ने बीच वोटिंग के दौरान एक ऐसा दांव चल दिया है कि जिससे वहां का सियासी समीकरण ही बदल सकता है. बेहद तल्ख रिश्तों के बीच सुप्रिया सुले अपने भाई अजित पवार के घर पहुंच गई. दोनों चुनावी सभाओं में एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं. नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के शरद गुट में सुप्रिया सुले हैं, अजित पवार गुट में उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार हैं.
बारामती चुनावी कुरुक्षेत्र का नया मैदान बन गया है, जहां भाई-बहन की सियासी समर में उतर पड़े हैं. अजित पवार गुट केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ है. शरद पवार की एनसीपी महा विकास अघाड़ी (MVA) का हिस्सा है. दोनों ननद-भाभियों में चुनावी सभाओं में जमकर तंज के तीर चले हैं.
वोट डालने के बाद भाई के घर पहुंची सुप्रिया
अजित पवार के काटेवाड़ी स्थित घर में सुप्रिया सुले वोट डालकर पहुंची. वहां उन्होंने अजित पवार की मां आशा पवार से मिलीं. आशा पवार, सुप्रिया सुले की ताई हैं. अजित पवार से उनके रिश्ते भले ही राजनीतिक तौर पर तल्ख हों लेकिन परिवार अब भी एकजुट नजर आता है, अब यही संदेश जा रहा है. अजति पवार चुनावी सभाओं में कहते रहे कि उन्हें उनके परिवार ने अकेला छोड़ दिया है क्योंकि रोहित पवार और श्रीनिवास पवार भी अपने चाचा के साथ थे, भाई के नहीं.
सुप्रिया सुले ने घर जाने पर क्या कहा?
सुप्रिया सुले से जब सवाल किया गया कि आप उनके घर क्यों गई थीं तो उन्होंने कहा कि यह मेरे ताया-ताई का भी घर है. मैंने उनसे मुलाकात के बाद आशीर्वाद लिया है, वे बड़े हैं. मैंने अपने परिवार के लोगों से मुलाकात की है. परिवार और राजनीति अलग-अलग है, दोनों को एक साथ नहीं मिलाना चाहिए.