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मुसलमान, वक्फ और आरक्षण पर क्यों घिरी कांग्रेस, कैसे सेल्फ गोल कर रहा इंडिया ब्लॉक?

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024, मुसलमान और संपत्ति पर आकर ठहर गया है. बीजेपी की पूरी कैंपेनिंग सिर्फ इन्हीं दो मुद्दों पर घूम रही है तो कांग्रेस नेताओं को जनसभाओं में सफाई देनी पड़ रही है. आखिर किस नीति पर बरपा है हंगामा, आइए जानते हैं.

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India Daily Live
Courtesy: Social Media

लोकसभा चुनाव 2024 में मुसलमान, मंगलसूत्र, मंदिर और मनमोहन सिंह, अब चुनावी मुद्दे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी जनसभाओं में खुलकर हिंदुत्व का जिक्र कर रहे हैं. वे कांग्रेस को हिंदू और राम विरोधी बताते हैं, कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप लगाकर कोसते हैं. प्रधानमंत्री अयोध्या के राम मंदिर उद्घाटन समारोह से विपक्षी नेताओं की दूरी को भी चुनावी मुद्दा बना लेते हैं. विपक्षी पार्टियां 'तुष्टीकरण' के आरोपों के दलदल में ऐसे फंसी है कि उनके लिए राह चुन पाना मुश्किल हो गया है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से लेकर अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष जेपी नड्डा तक, अपनी सभाओं में विपक्ष को कोसते नजर आ रहे हैं. सभी नेता एकसुर में कह रहे हैं कि कांग्रेस आपकी संपत्ति को छीनकर मुसलमानों में बांट देना चाहती है. कांग्रेस के मेनिफेस्टो में ऐसा तो नहीं है लेकिन चुनावी मौसम में इसका जिक्र क्यों हो रहा है, आइए समझते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर में एक रैली के दौरान मुस्लिम कोटा का भी मुद्दा उठा दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस लंबे समय से प्रतिबंध के बावजूद मुस्लिम कोटा लागू करने के लिए अलग-अलग प्रयास कर रही है. धर्म आधारित आरक्षण पर बाबासाहेब अम्बेडकर का संविधान बदलना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया दांव तब चला है जब राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री के बयानों की वजह से कांग्रेसी नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मनमोहन सिंह ने वादा किया था कि वे आपकी संपत्ति को छीनकर मुसलमानों में बांट देगे. आपके मंगलसूत्र को बांट देंगे. प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की जांच अब चुनाव आयोग कर रहा है. कांग्रेस का कहना है कि बांसवाड़ा में दिया गया पीएम मोदी का भाषण चुनाव आयोग की नीतियों का उल्लंघन था. सवाल ये है कि आखिर कैसे कांग्रेस 2006 के एक भाषण पर घिर गई है. उसके नए मेनिफेस्टो पर भी क्यों सवाल खड़े किए जा रहे है. आइए जानते हैं इस विवाद के मूल में क्या है?

क्या है कांग्रेस का वह वादा जिस पर घिरी है पार्टी?
कांग्रेस ने सबके सामेकित विकास को लेकर एक वादा किया था. कांग्रेस 'समानता' की बात कर रही थी, जिस पर बीजेपी हमलावर है. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भाषण नौकरी और शिक्षा में मुसलमानों के लिए समान अवसर, स्वास्थ्य देखभाल, धर्म निरपेक्ष माहौल को बढ़ावा देने पर आधारित था. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस मुसलमानों के लिए कोटा चाहती है और पार्टी का एजेंडा ऐसा है कि हिंदुओं की संपत्ति छीनकर कांग्रेस में बांट देगी. किन मुद्दों को लेकर सवाल उठा रहे हैं बीजेपी नेता, आइए जानते हैं.

1. बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में लिखा है कि अल्पसंख्यकों को प्रोत्साहित नहीं, उन्हें आरक्षण देना चाहती है. यह बाबा साहेब के संविधान का उल्लंघन का है.

2. कांग्रेस के घोषणापत्र के 'इक्विटी' वादे पर सवाल उठाते हए कहा गया है कि कांग्रेस जाति जनगणना करेगी और इसके आधार पर कहा है कि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ा देगी. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस मुस्लिम आरक्षण की योजना बना रही है. कांग्रेस शिक्षा, खेल और नौकरियों में इसे लागू करेगी.

3. बीजेपी ने यह भी आरोप लगाए हैं कि साल 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में मुसलमानों के लिए शिक्षा में आरक्षण देने का वादा किया था. 27 फीसदी ओबीसी कोटा के भीतर मुसलमानों के लिए भी अलग से सब कोटा बनाने का वादा कांग्रेस ने किया था लेकिन कानूनी बाधा की वजह से कांग्रेस ऐसा नहीं कर सकी.

4. बीजेपी का कहना है कि साल 2004 में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में मुस्लिम कोटा लागू करने के लिए अपना पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. कांग्रेस ने 2004-10 के बीच मुस्लिम आरक्षण लागू करने की अलग-अलग 4 बार कोशिशें की थीं. 

5. बीजेपी नेताओं का कहना है कि हर बार आंध्र हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के खतरनाक प्रयासों को खारिज कर दिया. बेशर्मी के साथ, यूपीए ने 2011 में मुस्लिम आरक्षण की कोशिश की. यहां तक कि इस प्रयास को 2012 में आंध्र प्रदेश के हाई कोर्ट ने रोक दिया और सुप्रीम कोर्ट ने भी सहमति जताई. 

6. बीजेपी का कहना है कि कर्नाटक में कांग्रेस ने मुस्लिम आरक्षण बहाल करने का वादा किया था जिसे बीजेपी सरकार ने खत्म कर दिया था. अब 2024 के घोषणापत्र में, कांग्रेस सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के बाद कांग्रेस फिर से बड़ी योजना तैयार कर रही है.

7. बीजेपी ने कहा है कि UPA-1 में कांग्रेस ने रंगनाथ मिश्रा आयोग के आधार पर मुस्लिमों के 10 फीसदी आरक्षण की सिफारिश की. हाई कोर्ट ने इसे खारिज किया फिर भी आंध्र प्रदेश में कांग्रेस ने इसे दिया. कांग्रेस ने मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिए एएमयू और जामिया मिलिया इस्लामिया से एससी/एसटी ओबीसी के सभी आरक्षण हटा दिए.

8. बीजेपी का दावा है कि कश्मीर में, कांग्रेस ने कभी भी एससी/एसटी और ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया. कांग्रेस यह कहती रही कि यह एक मुस्लिम बहुल राज्य है. कांग्रेस की वजह से मुस्लिम वक्फ बोर्ड के पास भारत सरकार के बाद सबसे ज्यादा जमीनें आ गईं.

कैसे सेल्फ गोल कर बैठा है इंडिया ब्लॉक?
इंडिया ब्लॉक के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के भाषणों पर एकसुर में विरोध दर्ज नहीं करा पा रहे हैं. बीजेपी जिन मुद्दों पर विपक्ष को घेर रही है, उसका काउंटर नैरेटिव ढूंढने में नेताओं के पसीने छूट रहे हैं. वजह यह है कि सब मिलकर यह रणनीति ही तय नहीं कर पा रहे हैं कि बीजेपी के हिंदुत्व नैरेटिव की काट क्या है. उन मुद्दों पर सफाई देकर कांग्रेस नेता अपनी ही मुश्किलें बढ़ा ले रहे हैं. कांग्रेस का वक्त अब सफाई देते बीत रहा है कि हमने मुसलमानों के लिए ऐसे वादे नहीं किये थे. बीजेपी हर दिन इसे लेकर नए आरोप लगा दे रही है. कांग्रेस अपनी रणनीति और मेनिफेस्टो पर बात ही नहीं कर पा रही है, बीजेपी के आरोपों पर सफाई देते नेताओं के दिन बीत रहे हैं.

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