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Purnia Lok Sabha Seat: पूर्णिया में पप्पू यादव बीमा भारती का बिगाड़ेंगे खेल? इस बार यहां बन रहे हैं नए समीकरण

Purnia Lok Sabha Seat : बिहार में पूर्णिया लोकसभा सीट पर मुकाबला इस बार कड़ा हो गया है. बीजेपी-जेडीयू और कांग्रेस आरजेडी गठबंधन के उम्मीदवारों के साथ ही पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव मैदान पर कूद पड़े हैं.

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Pankaj Soni
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Purnia Lok Sabha Seat: बिहार में सीमांचल की पूर्णिया सीट से पप्पू यादव ने आज नामांकन दाखिल कर दिया है. पप्पू यादव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में यहां से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन की तरफ से लालू यादव की बेटी बीमा भारती चुनावी मैदान में हैं. वहीं, एनडीए गठबंधन की ओर से जदयू के सांसद संतोष कुशवाहा ने नॉमिनेशन की तारीख के पहले दिन ही पूर्णिया से अपना नामांकन भी कर दिया है.

अब पूर्णिया सीट पर मुकाबला और भी ज्यादा रोचक हो गया है. बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. पूर्णिया लोकसभा सीट के वर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा हैं. अबकी बार देखना है कि पप्पू यादव सिर्फ किसी का खेल बिगाड़ेंगे या फिर चुनाव जीतेंगे. 

पूर्णिया लोकसभा सीट का परिचय 

पूर्णिया पूर्वोत्तर बिहार का सबसे बड़ा शहर है. नेपाल और बंगाल से सटे इस शहर के बीचोंबीच से एनएच 31 गुजरता है जो कि ईस्ट-वेस्ट कोरीडोर का हिस्सा है और उत्तर भारत को असम, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम तथा भूटान से जोड़ता है. वहीं एनएच 107 व 57 पूर्णिया को कोसी और मिथिलांचल से जोड़ता है. पूर्णिया जिले में कुल 7 विधानसभा क्षेत्र हैं, लेकिन पूर्णिया लोकसभा के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं. पूर्णिया जिले का अमौर और बायसी विधानसभा क्षेत्र किशनगंज लोकसभा सीट में आता है, जबकि कटिहार जिला का कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र पूर्णिया लोकसभा में आता है. 2019 के चुनाव में जदयू-भाजपा का गठबंधन था। जदयू के संतोष कुशवाहा दूसरी बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे.

पूर्णिया लोकसभा सीट का इतिहास 

पूर्णिया लोकसभा सीट 1971 तक कांग्रेस का गढ़ रही. फणि गोपाल सेन यहां के पहले सांसद बने, उन्होंने 1962 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया. 1977 में जेपी लहर में यह सीट कांग्रेस की झोली से छिन गई. लखनलाल कपूर यहां के गैर कांग्रेसी सांसद बने. माधुरी सिंह की जीत के साथ 1980 में यह सीट कांग्रेस की झोली में चली गई. माधुरी 1980 से 1989 तक यहां से सांसद रहीं. साल 1989 में जनता दल के टिकट पर मो. तस्लीमुद्दीन यहां से संसद पहुंचे. 1996 में सपा की टिकट पर राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव यहां के एमपी बने. 1998 में भाजपा के जयकृष्ण मंडल सांसद निर्वाचित हुए.1999 में पप्पू यादव यहां से निर्दलीय चुनाव लड़कर सांसद बने. इसके बाद 2004 और 2009 में भाजपा से उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह सांसद बने. इसके बाद 2014 और 2019 में जदयू के संतोष कुशवाहा सांसद बने.

पूर्णिया लोकसभा सीट का समीकरण

पूर्णिया लोकसभा सीट में 60 फीसदी मतदाता हिन्दू, जबकि 40 फीसदी मतदाता मुस्लिम हैं. हिंदू मतदाताओं में 5 लाख एससी-एसटी, बीसी व ओबीसी मतदाता हैं. यादव 1.5 लाख, ब्राह्मण 1.25 लाख, व राजपूत मतदाताओं की संख्या 1.25 लाख है. इसके अलावा एक लाख अन्य जातियों के मतदाता हैं. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 7 लाख है. कसबा, कोढ़ा व बनमनखी में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है. बनमनखी में यादव मतदाता सर्वाधिक हैं. ब्राह्मण व राजपूत मतदाता धमदाहा, रुपौली और पूर्णिया में हैं. एससी-एसटी, बीसी व ओबीसी मतदाता बनमनखी व कोढ़ा में अधिक हैं.

कौन हैं बीजेपी उम्मीदवार संतोष कुशवाहा ?

पूर्णिया में गठबंधन से जदयू उम्मीदवार संतोष कुमार कुशवाहा ने नामांकन भर दिया है. संतोष कुशवाहा वर्तमान में पूर्णिया के सांसद हैं. कुशवाहा के चुनावी हलफनामें के अनुसार उनसे अधिक उनकी पत्नी अमीर हैं. उनकी धर्मपत्नी के पास कुल 2 करोड़ 95 लाख 50 हजार 967 रुपये की संपत्ति है, जबकि संतोष कुशवाहा के पास 2,69,79, 640 रुपये की संपत्ति है.

पूर्णिया में अब कब और कौन सांसद बना

- फणी गोपाल सेन गुप्ता (कांग्रेस) 1951- 1967
- मोहम्मद ताहिर (कांग्रेस) 1971
-लखनलाल कपूर (जनता पार्टी) 1977
-माधुरी सिंह (कांग्रेस) 1980 व 1984
- तस्लीमुद्दीन (जनता दल) 1989
- पप्पू यादव (सपा) 1996
-जय कृष्ण मंडल (भाजपा) 1998
- पप्पू यादव (निर्दलीय) 1999
- उदय सिंह (भाजपा) 2004
- उदय सिंह (भाजपा) 2009
-संतोष कुशवाहा (जदयू) 2014
- संतोष कुशवाहा (जदयू) 2019.