CBI Cash Reward: सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्विस्टिगेशन यानी CBI देश की प्रमुख केंद्रीय जांच एजेंसियों में से एक है. CBI ने देश की कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाया भी है. कई ऐसे मामले होते हैं, जिसकी जांच सीबीआई से ही कराने की मांग की जाती है. माना जाता है कि पेंचीदा से पेंचीदा केस को सीबीआई सुलझा ही लेती है. कई बार आपने सुना होगा कि किसी मामले की जांच में जुटी CBI महत्वपूर्ण जानकारी देने वालों को इनाम देगी. क्या आपको पता है कि ये बात कितनी सच है?
दरअसल, सीबीआई के नियमों के मुताबिक किसी भी तरह के इन्फॉर्मर को इनाम देने का प्रावधान नहीं है. फिर सवाल आता है कि आखिर सीबीआई क्यों किसी अपराधी को पकड़वाने पर इनाम की घोषणा करती है. अगर घोषणा करती है, तो फिर इनाम क्यों नहीं दिया जाता? यहां एक समझने वाली बात आती है. दरअसल, सीबीआई इनाम देती है, लेकिन मात्र इन्फॉर्मेशन देने वालों को इनाम नहीं मिलता.
कई मामले ऐसे होते हैं, जिसमें आरोपी फरार हो जाता है. ऐसे मामले में अक्सर सुनने में आता है कि सीबीआई ने मुख्य आरोपी या फिर मास्टरमाइंड पर इतने हजार या फिर इतने लाख का इनाम रखा है. अगर कोई मामले से जुड़े मास्टरमाइंड या मुख्य आरोपी के बारे में जानकारी देता है और उस जानकारी के बाद आरोपी पकड़ा जाता है, तो उस पर घोषित इनाम सीबीआई जानकारी देने वाले शख्स को दे देती है.
मास्टरमांइड या मुख्य आरोपी की सूचना देने वाले इन्फॉर्मर का नाम बिलकुल ही गुप्त रखा जाता है. किसी भी स्तर पर सूचना देने वाले का नाम सामने नहीं लाया जाता है.
CBI को बड़े और अनसॉल्व क्राइम के साथ-साथ अन्य अपराधों, नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े मामलों की जांच में लगाया जाता है. ये देश की हाई प्रोफाइल मामलों को भी देखती है.
साल 1963 में बनी CBI भारत सरकार के आदेश पर काम करती है. इसके मुख्य कामों में घोटालों और भ्रष्टाचार की जांच करना भी है. भारत सरकार के अलावा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये देश की किसी भी मामले की जांच कर सकती है. मतलब, सीबीआई सिर्फ उन मामलों की ही जांच करती है, जिसका आदेश केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट या फिर हाई कोर्ट से मिलता है.