उत्तर प्रदेश का बदायूं जिले में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की लड़ाई में अब स्टांप, सबूत और गवाह की एंट्री हो गई है. दो वकीलों में उम्मीदवारों की जीत को लेकर सट्टा लगा है. शर्त भी ऐसी-वैसी नहीं पूरे 2 लाख की. इसकी बाकायदा रजिस्ट्री हुई है, स्टांप पेपर पर गवाहों के सिग्नेचर भी हैं. 2-2 गवाह दोनों वकीलों ने दिए हैं.
बदायूं में समर्थकों का दावा है कि बस उन्हीं की पार्टी चुनाव जीतने जा रही है. बदायूं के वकील दिवाकर वर्मा का दावा है कि इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी दुर्विजय सिंह शाक्य जीतेंगे. सतेंद्र पाल सिंह का दावा है कि आदित्य यादव इस सीट से जीत दर्ज करेंगे. अब दोनों वकीलों में शर्त जो लगी है, वो बेहद दिलचस्प दी है.
क्या है वकीलों की डील?
अगर बीजेपी प्रत्याशी जीतेंगे तो सतेंद्र पाल, दिवाकर वर्मा को 2 लाख रुपये देंगे, अगर सपा की जीत होती है तो दिवाकर वर्मा, सतेंद्र को 2 लाख रुपये देंगे. यह राशि 15 दिनों के अंदर कैश के तौर पर देनी होगी. इस कॉन्ट्रैक्ट पेपर पर गवाहों के हस्ताक्षर हैं. अगर चुनाव में किसी तरह की धांधली होगी तो ये कॉन्ट्रैक्ट रद्द हो जाएगा.
बदायूं में कब हैं चुनाव?
बदांयू में 7 मई को वोटिंग होने वाली है. यहां से 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. बीजपेी ने दुर्विजय सिंह को टिकट दिया है तो सपा से आदित्य यादव मैदान में हैं. आदित्य यादव अखिलेश यादव के चचेरे भाई और शिवपाल यादव के बेटे हैं. मायावती भी यहां चुनावी रेस में हैं और उन्होंने मुस्लिम खां को टिकट दिया है.