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दो दशक बाद अक्षय तृतीया पर नहीं बजेगी शहनाई, जानें बिना मुहूर्त क्यों नहीं करनी चाहिए शादी?

Akshaya Tritiya 2024: साल 2024 में 23 साल बाद ऐसा होने जा रहा है, जब अक्षय तृतीया के दिन शादी का कोई भी मुहूर्त नहीं है. अक्षय तृतीया ही नहीं पूरी जून तक अब शादी के मुहूर्त आपको दिखाई नहीं देने वाले हैं.

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Courtesy: pexels

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया को हिंदू धर्म में बेहद मांगलिक त्योहार माना जाता है. यह विवाह, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्यों के लिए शुभ दिन माना जाता है. साल 2024 को 10 मई को अक्षय तृतीया का पर्व है. 23 साल बाद ऐसा संयोग बनने जा रहा है, जिसमें अक्षय तृतीया के दिन विवाह का कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है. 

साल 2024 में अक्षय तृतीया से पहले शुक्र और गुरु ग्रह अस्त हो चुके हैं. इन शुभ ग्रहों के अस्त हो जाने के कारण शुभ कार्यों पर रोक लग गई है. साल 2000 में ऐसा हुआ था और अब करीब 23 साल बाद 2024 में अक्षय तृतीया पर मांगलिक कार्यों के लिए कोई भी मुहूर्त नहीं है. 

मई और पूरी जून तक नहीं है विवाह का मुहूर्त 

अब मई और जून तक विवाह का कोई भी मुहूर्त नहीं रहने वाला है. वहीं, 6 जून को बृहस्पति और 29 जून को शुक्र उदय हो जाएंगे. इसके बाद जुलाई के महीने में विवाह के कुछ शुभ मुहूर्त बनेंगे. इसमें 9,11,12, 13,14,15 तारीख को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं. इसके बाद 17 जुलाई से चातुर्मास की शुरुआत हो जाएगी, तो फिर से मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी. इस चतुर्मास का समापन 12 नवंबर 2024 को होगा.इसके बाद शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी. 

शुभ मुहूर्त में शादी न करने से भुगतने पड़ते हैं ये परिणाम

शास्त्रों की मानें तो बिना मुहूर्त के विवाह कभी नहीं करना चाहिए. बिना मुहूर्त के विवाह करने से दांपत्य जीवन में वर और वधू को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. स्थिति तलाक तक आ सकती है. 

माना जाता है जब ग्रहों की स्थिति वर और वधू के अनुकूल होती है,तब ही ज्योतिषीय विवाह का मुहूर्त निकालते हैं. वहीं, आजकल लोग बिना मुहूर्त के भी शादी कर लेते हैं. ऐसे में देखने में आता है कि उन लोगों का दांपत्य जीवन काफी परेशानियों के दौर से गुजरता है.

आचार्य पं.सत्यम विष्णु अवस्थी बताते हैं कि किसी अयोग्य से शादी का मुहूर्त निकलवाकर शादी करने से भी विवाह के बाद दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही अगर मुहूर्त बिना देखे कोई शादी नहीं हुई है और उनका दांपत्य जीवन सुखमय है तो उन दंपतियों का विवाह इत्तेफाक से शुभ मुहूर्त में ही हुआ होता है. इसके साथ ही कुंडली का भी अच्छे से मिलान विवाह को शुभ बनाने के लिए आवश्यक होता है. अगर कुंडली सही नहीं मिली है या फिर शुभ मुहूर्त में कार्य नहीं किए गए हों तो विवाह के असफल होने की काफी संभावनाएं हैं. 

भोगने पड़ सकते हैं ये परिणाम

  • बिना मुहूर्त देखे विवाह करने से दांपत्य जीवन में कलह होता है. 
  • इससे वर या वधू किसी एक की या फिर दोनों की मृत्यु भी हो सकती है. 
  • गर्भधारण में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, संतान होने के बाद भी उसकी मृत्यु का भय बना रहता है.
  • मुहूर्त के बिना विवाह करने से तलाक की भी नौबत आ सकती है. 
  • मुहूर्त के बिना किया गया विवाह व्यक्ति को कंगाल तक बना सकता है. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.