दुनिया का एक ऐसा गांव जहां कभी नहीं हुई बारिश, बगैर पानी के लोगों का इस तरह चलता है जीवन
Rainless Village: आपको ऐसा लग रहा होगा कि यह बात सहीं कैसे हो सकती है क्योंकि कोई भी पानी के बिना जिवित नहीं रह सकता. लेकिन हम जिस गांव के बारे में आज बताने जा रहे हैं उस गांव में आजतक कभी भी पानी की एक बूंद भी बारिश नहीं हुई.

हाइलाइट्स
- 3200 मीटर पर स्थित है यह गांव
- दिन में होती है खूब गर्मी
- बादल से ऊपर स्थित है यह गांव
नई दिल्ली : इस दुनिया को बहुत ही अलग माना जाता है. क्योंकि इसी दुनिया जहां एक ओर ऐसा स्थान है जहां दुनिया की सबसे ज्यादा बारिश होती है. या ये कहें की पूरी साल ही बारिश होती रहती है तो गलत नहीं होगा. जी हां भारत के मेघालय में स्थित मासिनराम गांव को ले लीजिए जहां दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश होती है. वहीं इसके अलावा देश और दुनिया के कई इलाके बरसात के मौसम में बाढ़ और बारिश से डूब जाते हैं. हालांकि दुनिया में एक ऐसा गांव भी है जहां अभी तक कभी भी बारिश नहीं हुई.
3200 मीटर पर स्थित है यह गांव
आपको ऐसा लग रहा होगा कि यह बात सहीं कैसे हो सकती है क्योंकि कोई भी पानी के बिना जिवित नहीं रह सकता. लेकिन हम जिस गांव के बारे में आज बताने जा रहे हैं उस गांव में आजतक कभी भी पानी की एक बूंद भी बारिश नहीं हुई. यह गांव यमन की राजधानी सना में स्थित है. अल-हुतैब नाम का यह गांव राजधानी सना के पश्चिमी मनख के निदेशालय के हरज क्षेत्र में स्थित है. वहीं इस गांव की जमीन से ऊंचाई 3200 मीटर लाल बलुआ पत्थर की चोटी पर स्थित है. वहां बसे अन्य स्थानों की तुलना में ऊंचाई पर स्थित होने के बावजूद भी इस गांव में सूखे की स्थिति बनी होती है.
दिन में होती है खूब गर्मी
इस गांव के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां कभी पानी की एक बूंद भी नहीं बरसता है. बावजूद इसके यह स्थान इतना खूबसूरत है कि सैलानी यहां आते हैं. इस गांव में पहाड़ी एरिया में भी बहुत सुंदर घर बनाए गए हैं, जिन्हें देख हर कोई हैरान रह जाता है. यहां पर पहाड़ी होने के वजह से दिन में अत्यधिक गर्मी और रात में गांव में जमा देने वाली ठंड पड़ती है. सुबह सूरज उगते ही मौसम फिर से गर्म हो जाता है.
बादल से ऊपर स्थित है यह गांव
इस स्थान पर बारिश क्यों नहीं होती, इसकी वजह बेहद दिलचस्प है. इस गांव का ज्यादा ऊंचाई पर होना यहां बारिश न होने के पीछे की मुख्य वजह है. इस स्थान पर बादल 2000 मीटर की ऊंचाई पर बनते हैं. जबकि यह गांव 3200 मीटर की ऊंचाई पर है. यानी बादल इस गांव से काफी नीचे ही बनते हैं.