WhatsApp Investment Scam: साइबर क्राइम को लेकर एक बार फिर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. आंध्र प्रदेश के एक रिटायर्ड प्रोफेसर ने अनजाने में एक व्हाट्सऐप स्कैम में फंसकर 2 करोड़ रुपये खो दिए. यह घटना इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे फाइनेंस के जानकार लोग भी इस तरह की धोखाधड़ी में फंस रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, पांडिचेरी के JIPMER के पूर्व निदेशक और प्रोफेसर डॉ. एम. बैटमैनबेन मौनिसामी एक स्कैम में फंस गए.
यह मामला तब शुरू हुआ जब कंगना नाम की एक महिला ने उनसे कॉन्टैक्ट किया. इसने नुवामा की प्रतिनिधि होने का दावा किया. महिला ने पीड़ित को एक फेक इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा जिसके जरिए वो ज्यादा लाभ कमा सकते हैं.
19 अप्रैल को प्रोफेसर ने अपना पहला इन्वेस्टमेंट किया जो 10,000 रुपये का था. इसमें इन्हें 13,000 रुपये का रिटर्न मिला. फिर अगले पांच हफ्तों में, उन्होंने फेक बेनिफिट अपडेट देखे और इससे प्रोत्साहित होकर 1.9 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसके बाद उनके डैशबोर्ड ने 35 करोड़ रुपये की कमाई दिखाई.
फिर एक बार उन्होंने 5 करोड़ रुपये निकालने का प्रायस किया तो स्कैमर्स ने 32 लाख रुपये की प्रोसेसिंग फीस मांगी. इसे बाद में घटाकर 25% कर दिया गया. कुछ पैसे वापस पाने की उम्मीद में, उन्होंने ₹7.9 लाख ट्रांसफर किए लेकिन बदले में उन्हें एक रुपया भी नहीं मिला.
आशीष केहैर नाम के एक फेक अधिकारी ने व्यक्ति से कॉन्टैक्ट किया. कई बार असफल प्रयासों के बाद ही डॉ. मौनिसामी को समझ में आया कि उनके साथ धोखा हुआ है. इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर निवेश संबंधी ऑफर से बचें.
अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें या संदिग्ध वेबसाइटों पर रजिस्टर न करें.
पैसे ट्रांसफर करने से पहले हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन से पुष्टि करें.
अगर कोई ऑफर बहुत ज्यादा अच्छा लगता है तो इसे सच न मानें.