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16 साल से छोटे बच्चे नहीं चला पाएंगे सोशल मीडिया, आखिर बैन क्यों लगाना चाहती है सरकार?

UK government may ban social media: बच्चों के सोशल मीडिया चलाने पर बैन लग सकता है. ब्रिटेन की सुनक सरकार इस पर काम कर रही है.

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UK government may ban social media

UK government may ban social media: यूके सरकार 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर बैन लगाने का प्लान बना रही है. रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार ने इस संबंध में प्रपोजल तैयार कर रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों के स्मार्टफोन खरीदने पर भी बैन लगाया जा सकता है. ऐसा करके उन्हें इंटरनेट के गलत प्रभाव से बचाने की कोशिश की जाएगी.

हुई थी मेटा की आलोचना

अधिकतर सोशल मीडिया प्लेटफार्म को चलाने के लिए मिनिमम एज 13 साल होती है. ब्रिटेन की सरकार सोशल मीडिया चलाने के लिए न्यूनतम उम्र को 16 साल करने के लिए जल्द ही प्रपोजल पब्लिश करेगी.

पिछले सप्ताह Meta ने यूके में WhatsApp चलाने के लिए न्यूनतम उम्र को 16 साल से घटाकर 13 साल कर दिया था. मेटा के इस कदम की खूब आलोचना की गई.

अप्रैल अंत तक बैन हो जाएगा सोशल मीडिया   

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रिटिश सरकार अप्रैल के अंत तक सोशल मीडिया चलाने के लिए न्यूनतम उम्र को 16 साल करने के संबंध में प्रपोजल प्रकाशित कर सकती है.

सोशल मीडिया के लिए न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए इस संबंध में ब्रिटेन के टेक्नोलॉजी सेक्रेटरी मिशेल डोनेलन ने काम किया है. 

प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ, विल टान्नर भी सोशल मीडिया चलाने के लिए न्यूनतम उम्र का निर्धारण करने के लिए परामर्श टीम में शामिल हैं.

अभिभावकों से मांगे जाएंगे सुझाव   

बच्चों के माता-पिता से भी सुझाव लिया जाएगा कि किस उम्र में बच्चों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसके लिए माता पिता को 13 साल से 16 साल की रेंज दी जाएगी.

इसके साथ ही माता-पिता से उनके सुझाव लिए जाएंगे कि बच्चों को मॉनिटर करने के लिए और कौन से उपाय अपनाए जा सकते हैं.

वायलेंट कंटेंट देखने वाले बच्चों ने ली थी बच्ची की जान

सोशल मीडिया पर वायलेंट कंटेंट देखने वाले 15 साल के 2 बच्चों ने  ब्रायना घे नाम की एक लड़की की हत्या कर दी थी.  ब्रायना घे की मां सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए न्यूनतम उम्र 16 साल किए जाने को लेकर कैंपेन चला रही हैं.

यूके सरकार की ओर से आने वाले दिनों में मेटा के वैश्विक मामलों के अध्यक्ष सर निक क्लेग को कथित तौर पर इस योजना के बारे में जानकारी दी जाएगी. वह इंग्लैंड के पूर्व उप प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं.