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Cyber Threat: भारत के बाद अब अमेरिका और ब्रिटेन ने भी जताई चिंता, चीन चुरा रहा यूजर्स का डाटा

चीन की कई ऐसी ऐप्स हैं जो यूजर्स का डाटा चुराती हैं जिन्हें भारत में कई बार बैन भी किया गया है. इस मामले को लेकर अब अमेरिका और ब्रिटेन ने भी चिंता जताई है. 

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India Daily Live

Cyber Threat: भारत में कई ऐसी ऐप्स को बंद किया गया है जिनका लिंक चीन से था. इस तरह की ऐप्स यूजर्स पर नजर रखती थीं और उनकी हर एक्टिविटी को भी ट्रैक करती थीं. इस तरह की ऐप्स को लेकर भारत तो पहले से चीन से नाराज है और अब अमेरिका और ब्रिटेन की भी नाराजगी सामने आ गई है. बार-बार बैन होने के बाद भी चीन बाज नहीं आ रहा है. ऐसे में दोनों देशों ने अपने नागरिकों को हर खतरे से सावधान रहने की सलाह दी है. 

बता दें कि अमेरिका और ब्रिटेन ने बताया कि उनके लॉ-मेकर्स, एकेडेमिक्स और जर्नलिस्टों का डाटा बीजिंग द्वारा चुराया जा रहा है. इसी तरह के आरोप भारत भी चीन पर लगा चुका है और ऐप्स को भी बैन कर चुका है. अमेरिका ने बताया कि उनके सेना के जवानों का डाटा भी इसी तरह से चोरी किया जा रहा है. इन दोनों देशों का कहना है कि चीन का जो ग्रुप ये हरकतें कर रहा है वो एडवांस प्रेसिडेंट थ्रेट 31 या 'APT31' है. सिर्फ यही नहीं, इनका कहना है कि यह चीन के मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी का आर्म भी है. 

इस मामले की गंभीरता को समझते हुए दोनों देशों ने अपने नागरिकों को सुरक्षित रहने का सलाह दी है. सिर्फ लोगों के डाटा पर ही नहीं बल्कि चीन की नजर 5G मोबाइल टेलीफोन इक्विप्मेंट और वायरलेस टेक्नोलॉजी पर भी है. ऐसे में भारत को भी इससे बचे रहने की जरूरत है. 

क्या-क्या चुरा सकता है चीन: 
चीन यूजर्स का सारा डाटा जैसे कॉन्टैक्ट, कॉल रिकॉर्ड, मैसेजेज, इमेजेज, वीडियोज, ईमेल आदि को चुरा सकता है. भारत ने इससे पहले भी चीन की कुछ ऐप्स को बैन किया है जिसमें जो यूजर्स का डाटा चुरा रही थीं. गृह मंत्रालय ने एक रिपोर्ट शेयर की थी जिसके अनुसार, चीनी ऐप्स या तो क्लोन वर्जन हैं या फिर ओरिजिनल ऐप्स कि तरह काम करने वाली ऐप्स हैं जो सिक्योरिटी को लेकर बड़ा खतरा हैं. वर्ष 2020 में सरकार ने 267 ऐप्स को बैन किया था जिनमें से 9 जून 2020 को 59 ऐप्स, 10 अगस्त 2020 को 47 रिलेटेड/क्लोनिंग ऐप्स, 1 सितंबर 2020 को 118 ऐप्स और 19 नवंबर 2020 को 43 ऐप्स को ब्लॉक किया था. 

जानकारी के मुताबिक, ये 54 ऐप्स यूजर्स से कई अहम परमीशन्स मांगती थीं और फिर यूजर्स का सेंसिटिव डाटा इक्ट्ठा करती थीं. फिर इन्हें चीन के सर्वर पर भेजा जाता था. 2020 के बाद भी कई चीनी ऐप्स को बैन किया गया है जो इस तरह का काम करती नजर आई हैं. 

चीन ने खारिज किया आरोप: 
चीन पर लगे इस आरोप को लंदन में मौजूद चीनी एंबेसी ने सिरे से खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि ये सभी आरोप गलत हैं और ऐसा कुछ भी नहीं किया जा रहा है. 

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