Red Sea Cable Cuts: भारत समेत दुनिया भर के कई देशों में इस समय इंटरनेट सेवाएं प्रभावित है. इसके पीछे रेड सी यानी लाल सागर में समुद्र के नीचे केबल कटने की समस्या बताई जा रही है. केबल के कटने की वजह से कनेक्टिविटी धीमी हो गई है, जिससे भारत, सऊदी अरब और पाकिस्तान समेत कई देशों में इंटरनेट स्लो हो गया है.
माइक्रोसॉफ्ट की ओर से यह घोषणा की गई कि मध्य पूर्व में लाल सागर में समुद्र के नीचे फाइबर कटने की वजह से देरी हो रही है. हालांकि दूसरे अपडेट में यह भी कहा गया कि कि मध्य पूर्व में Azure सेवाएं फिर से चालू हो गई हैं. केबल कटने की वजह से सबसे ज्यादा क्लाउड और नेटवर्क सेवाएं प्रभावित हुई है.
लाल सागर को दूरसंचार का काफी अहम मार्ग माना जाता है. जो मिस्र के रास्ते यूरोप को अफ्रीका और एशिया से जोड़ता है. कुछ रिपोर्ट की मानें तो दुनिया का लगभग 17% इंटरनेट डेटा इसी मार्ग से होकर गुजरता है. जिसका मतलब यह साफ है कि इसमें किसी भी तरह की परेशानी होने के कारण इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं. वहीं अगर इस रास्ते में अगर किसी तरह की कोई समस्या होती है तो इसे सही करना काफी मुश्किल है. ब्लमबर्ग की रिपोर्ट को मानें तो इस क्षेत्र में केबलों को सही करना इसलिए और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है क्योंकि यहां जहाजों पर हूथी हमले भी हो रहे हैं. यमन के हूथी विद्रोही गाजा और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर लगातार हमले कर रहे हैं. हालांकि इजरायल की ओर सी जवाब दिया गया है.
लाल सागर के केबल कनेक्शन कट होने की वजह से भारत, पाकिस्तान, कुवैत और दुबई जैसे बड़े देश प्रभावित हुए हैं. नेटवर्क मॉनिटरिंग कंपनी नेटब्लॉक्स की मानें तो यह रुकावट सऊदी अरब के जेद्दा के पास SMW4 और IMEWE केबल सिस्टम में आई खराबी की वजह से हुई है. SMW4 केबल का संचालन टाटा कम्युनिकेशंस द्वारा किया जाता है, जबकि IMEWE का संचालन अल्काटेल सबमरीन नेटवर्क्स की देखरेख वाले एक अन्य कंसोर्टियम द्वारा किया जाता है. लाल सागर में इस तरह की समस्याओँ को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक चेतावनी बताई जा रही है. इन बढ़ते खतरों को रोकने के लिए और डिजिटल सुरक्षा के लिए दुनिया को कड़ा रुख अपनाने की जरूरत है.