Apple AirPods Fake Or Original: Apple AirPods का क्रेज लोगों के बीच काफी ज्यादा है. जो लोग इन्हें अफोर्ड कर सकते हैं वो खरीद लेते हैं और जो लोग अफोर्ड नहीं कर पाते वो कोई न कोई जुगाड़ कर लेते हैं. इन्हीं में से एक जुगाड़ है सस्ते में Apple AirPods खरीदना. आपने कई बार देखा होगा कि कुछ लोग रास्ते पर Apple AirPods बेच रहे होते हैं. इनकी कीमत कम होती है तो लोग लालच में आ जाते हैं और इन्हें खरीद लेते हैं. वो यह देखते ही नहीं कि वो असली है या नकली. इससे अच्छा-खासा नुकसान हो जाता है. आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिनके जरिए आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि आप जो सस्ता Apple AirPods खरीद रहे हैं वो असली है या नकली.
पैकेजिंग: किसी भी प्रोडक्ट को पहचानने का सबसे आसान तरीका पैकेजिंग है. Apple अपने प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग में काफी मेहनत करता है लेकिन फेक प्रोडक्ट की पैकेजिंग बहुत अच्छी नहीं होती है. फेक AirPods की पैकेजिंग पर स्पेलिंग में गलती होना या फॉन्ट का बड़ा होना आम बात है. अगर एप्पल का लोगो फेडेड है तो भी समझ जाइए कि आपको नकली प्रोडक्ट बेचा जा रहा है.
सीरियल नंबर: स्कैमर्स आजकल बहुत तेज हो गए हैं. हर ओरिजिनल AirPods का सीरियल नंबर अलग होता है. इसे आप कंपनी की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं. वहीं, एयरपॉड्स के अंदर भी सीरियल नंबर लिखा होता है. ऐसे में आप बॉक्स और एयरपॉड्स के अंदर जाकर भी सीरियल नंबर को मैच कर सकते हैं.
फोन को कनेक्ट कर चेक करें: Apple ने iOS 16 के साथ एक नया फीचर पेश किया था जो यह चेक कर सकता है कि आपने जो AirPods कनेक्ट किए हैं वो नकली हैं या नहीं. अगर आपको अपने वायरलेस ईयरबड्स को पेयर करने के तुरंत बाद Cannot Verify AirPods का मैसेज मिलता है तो आपके बड्स नकली हैं.
कलर और बिल्ड क्वालिटी: अगर आप AirPods को व्हाइट कलर के अलावा किसी और कलर में खरीदते हैं तो वो फेक हैं. क्योंकि AirPods को केवल व्हाइट कलर में ही उपलब्ध कराया जाता है. बिल्ड क्वालिटी की बात करें तो फेक AirPods की फिनिश क्वालिटी अच्छी नहीं होती है. ऐसे में इन्हें खरीदते समय आपको इनकी बिल्ट क्वालिटी चेक करें. अगर ग्रिल लूज हैं या फिर स्टेम में सेंसर के बजाय बटन है तो यह फेक हैं.
बेकार ऑडियो क्वालिटी: AirPods की ऑडियो क्वालिटी काफी अच्छी है तो इसके जरिए भी चेक किया जा सकता है कि कहीं आपके पास फेक AirPods तो नहीं हैं. फेक AirPods की ऑडियो क्वालिटी भी बेकार ही होती है. इसमें क्लैरिटी और बेस भी नहीं होता है.