Top Data Collecting Apps 2025: डिजिटल युग में जहां डाटा ही करेंसी है, वहां प्राइवेसी से समझौता किया जा रहा है. एनालिटिक्स फर्म एप्टेको द्वारा 2025 में एक रिसर्च की गई है जिससे पता चलता है कि मोबाइल ऐप कितने आक्रामक हो गए हैं. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि ऐप्स कितनी खतरनाक हो सकती हैं और किस तरह से आपका डाटा चुरा सकते हैं.
लिस्ट में सबसे ऊपर मेटा की तीन ऐप्स का नाम है जिसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम और थ्रेड्स शामिल हैं. ये ऐप्स यूजर्स का सभी पर्सनल डाटा चुराता है और उसे इक्ट्ठा करते हैं. रिसर्च के अनुसार, ये प्लेटफॉर्म नियमित रूप से नाम, फोन नंबर, एड्रेस और अन्य जानकारी इक्ट्ठा करते हैं.
टॉप 10 में लिंक्डइन, पिनटरेस्ट, अमेजन एलेक्सा, अमेजन, यूट्यूब, एक्स और पेपाल शामिल हैं. यह रैंकिंग Apple के डाटा लिंक्ड टू यू प्राइवेसी लेबल पर आधारित है, जो एक ट्रांसपेरेंट सिस्टम है. इससे यह पता चलता है कि ऐप किस तरह की पर्सनल जानकारी इक्ट्ठा करते हैं. बता दें कि डाटा केवल कॉन्टैक्ट डिटेल्स तक लिमिटेड नहीं है. एप्टेको के रिसर्च में के अनुसार, सटीक और लोकेशन, यूजर जनरेटेड कॉन्टैक्ट, फाइनेंशिल और पेमेंट डिटेल्स, ब्राउजिंग और सर्च एक्टिविटी और पर्चेज हिस्ट्री जैसी जानकारी चुराई जाती है.
हालांकि, यह रिसर्च यूजर्स को इन ऐप को छोड़ने की सलाह नहीं देता है लेकिन यह प्राइवेसी को लेकर सवाल जरूर खड़ा करता है. ऐसे में आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होगा-
केवल ऐप का इस्तेमाल करते हुए ही लोकेशन एक्सेस करें
एक्यूरेट लोकेशन ट्रैकिंग को बंद करना
कॉन्टैक्ट्स, फोटो या माइक्रोफोन के लिए जरूरी परमीशन्स न दें
ऐप और डिवाइस सेटिंग दोनों में नियमित रूप से प्राइवेसी प्राथमिकताओं को अपडेट करना