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India Daily

Gemini, ChatGPT का कमाल, दुनिया की सबसे कठिन मैथ की परीक्षा में हासिल किए गोल्ड मेडल लेवल वाले अंक

Gemini & ChatGPT in Math Olympiad: इस साल, गूगल डीपमाइंड के Gemini और ओपनएआई के ChatGPT, ने इंटरनेशनल मैथ्स ओलंपियाड (आईएमओ) में हिस्सा लिया. सबसे हैरानी की बात है कि दोनों एआई चैटबॉट्स ने गोल्ड मैडल लेवल के अंक प्राप्त किए हैं.  

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Edited By: Shilpa Srivastava
Gemini & ChatGPT in Math Olympiad

Gemini & ChatGPT in Math Olympiad: इस साल, गूगल डीपमाइंड के Gemini और ओपनएआई के ChatGPT, ने इंटरनेशनल मैथ्स ओलंपियाड (आईएमओ) में हिस्सा लिया. बता दें कि स्टूडेंट्स के लिए यह दुनिया के सबसे कठिन मैथ्स कॉम्पेटिशन में से एक है. अब इसमें सबसे हैरानी की बात है कि दोनों एआई चैटबॉट्स ने गोल्ड मैडल लेवल के अंक प्राप्त किए हैं. इससे यह पता चलता है कि कठिन मैथ्स प्रॉब्लम्स को हल करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कितना एडवांस होता जा रहा है.

गूगल ने बताया कि जेमिनी ने आधिकारिक तौर पर कॉम्पेटिशन ने एंट्री ली. इसने बिना किसी ह्यूमन हेल्प के सभी नियमों का पालन किया और 6 में से 5 सवालों को सॉल्व किया. वहीं, दूसरी तरफ ओपनएआई के रिसर्च मॉडल ने भी 5 समस्याओं को सॉल्व किया. दोनों ही मॉडलों ने 42 में से 35 अंक प्राप्त किए, जो इस प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीतने के लिए पर्याप्त हैं. 

इस तरह देना होता है प्रश्नों का जवाब:

बता दें कि आईएमओ 1959 से हर साल आयोजित किया जाता रहा है. अब 100 से ज्यादा देशों के स्टूडेंट्स इसमें हिस्सा लेते हैं. यह रेगुलर स्कूल एग्जाम्स जैसा नहीं होता है. यह एविडेंस आधारित सवालों पर केंद्रित होते हैं. यहां पर जो स्टूडेंट्स हिस्सा लेते हैं उन्हें किसी भी प्रश्न को हल करने के लिए लॉजिक, थ्योरम्स और इन-डेप्थ मैथमैटिकल नॉलेज का इस्तेमाल करना होता है. फिर इनक जवाबों को ज्यूरी द्वारा चेक किया जाता है और उन्हें अंक दिए जाते हैं. 

जेमिनी मॉडल ने कैसे किए सवाल हल:

जेमिनी के डीप थिंक मॉडल ने नॉर्मल इंग्लिशन में लिखी मैथ्स प्रॉबल्म्स को पढ़ा और फिर उन्हें 4.5 घंटे की निर्धारित समय सीमा के अंदर हल किया. गूगल ने कहा कि जेमिनी के इस एडवांस वर्जन की टेस्टिंग आगे की जाएगी. इसके बाद इसे चुनिंदा यूजर्स और गूगल एआई अल्ट्रा सब्सक्राइबर्स को उपलब्ध कराया जाएगा.

ओपनएआई ने कैसे दिए जवाब: 

ओपनएआई ने तीन पूर्व आईएमओ पदक विजेताओं के साथ काम किया. ये ग्रेडिंग को समझते हैं. उन्होंने चैटजीपीटी के जवाबों को चेक करने के लिए इंडीपेंडेंट रिव्यूअर के तौर पर काम किया. ओपनएआई ने कहा कि सभी के सहमत होने के बाद सभी अंकों की पुष्टि की गई.

इन दोनों ने परफॉर्मेंस तो काफी अच्छी दी है लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह है कि गणित के जीनियस माने जाने वाले टेरेंस ताओ ने जून महीने में एक पॉडकास्ट में कहा था कि एआई का IMO में अच्छा परफॉर्म करना मुश्किल है. सिर्फ यही नहीं, उन्होंने यहां तक भी कहा था कि रिसर्चर्स को थोड़ा छोटा लक्ष्य रखना चाहिए. ऐसे में ओपनएआई मॉडल ने 6 में से 5 सवाल हल करके सभी को चौंका दिया है. 

कुछ सवाल अब भी हैं बाकी: 

  • किस डाटा का इस्तेमाल करके इस मॉडल को ट्रेन किया गया है? 

  • इसमें कितनी जनरल इंटेलिजेंस है?

  • इसका आम लोगों के लिए क्या इस्तेमाल होगा?

  • एक सवाल को सॉल्व करने में कितना खर्च आता है?