RO/ARO Exam Paper Leak: यूपी समीक्षा अधिकारी (RO)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (SRO) 2023 की प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक के आरोपों के बीच उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इस मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (STF) से कराने की सिफारिश की है.
बता दें कि आरओ के 334 पदों और एआरओ के 77 पदों के लिए रविवार को परीक्षा हुई थी. हालांकि, परीक्षार्थियों और कुछ छात्र संगठनों का आरोप है कि परीक्षा शुरू होने से कुछ समय पहले ही प्रश्न पत्र को लीक कर दिया गया था.
मामले की जांच के लिए आंतरिक समिति गठित
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए UPPSC के सचिव अशोक कुमार ने कहा कि मामले की जांच के लिए आयोग ने वैसे तो एक आंतरिक समिति का गठन कर दिया है लेकिन एक औपचारिक सिफारिश भेजकर हम मामले की जांच एसटीएफ से जांच कराने की भी मांग की है.
एक रात पहले लीक किया गया पेपर- छात्रों का आरोप
आरओ/एआरओ की परीक्षा में बैठे छात्रों ने दावा किया है कि परीक्षा वाले दिन से एक रात पहले पेपर को लीक कर दिया गया था और कई वॉट्सऐप ग्रुप पर यह पेपर उपलब्ध था. वहीं प्रयागराज में आयोग के सचिव ओमकार नाथ सिंह ने इससे पहले एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि यह परीक्षा 58 राज्यों में 2,387 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 64% परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. उन्होंने दावा किया कि परीक्षा पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित की गई थी.
परीक्षा होने के बाद इस परीक्षा में बैठे परीक्षार्थियों ने प्रयागराज स्थित यूपीपीएससी के मुख्यालय के बाहर धरना दिया और परीक्षा को रद्द करने और इसे दोबारा कराने की मांग की.
प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को घेरा
पेपर लीक होने को लेकर विपक्ष ने यूपी सरकार को आड़े हाथों लिया है. सोमवार देर शाम कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर कहा, 'कई सालों के इंतजार के बाद पेपर लीक को रोकने के लिए संसद में बिल पास हुआ. वहीं दूसरी तरफ यूपी में आरोप की परीक्षा का पेपर लीक हो गया!'
उन्होंने आगे लिखा, ' रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2017 में हुई इंस्पेक्टर की भर्ती परीक्षा से लेकर 2024 की आरओ परीक्षा तक यूपी में लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं. सरकार इन्हें रोकने के लिए क्या करने जा रही है...उत्तर प्रदेश में हमने युवाओं के लिए एक विशेष भर्ती विधान' घोषणापत्र जारी किया था जिसमें इन समस्याओं का समाधान पेश किया गया था. भाजपा सरकार चाहती तो उन प्रावधानों को लागू कर युवाओं का भविष्य सुरक्षित कर सकती थी.
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